मंगलवार, 20 नवंबर 2018

Humor : ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर हरकत में आई सरकार, लगाया 100 फीसदी स्पेशल GST

Thugs of Hindostan movie humor
जीएसटी की घोषणा के बाद माफी मांगते आमिर। लगता है जेटली को माफी भी रास नहीं आई।


हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर 100 फीसदी की दर से स्पेशल GST लगा दिया है। ऐसा दर्शकों की मेंटली हेल्थ के मद्देनजर और उन्हें फ्रस्टेशन से बचाने के लिए किया है। इससे पहले सरकार ने ट्यूबलाइट पर स्पेशल GST लगाकर उन्हें राहत देने की कोशिश की थी।

वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, “जिस दिन से ठग्स ऑफ हिंदोस्तान रिलीज हुई है, दर्शकों ने सरकार की नाक में दम कर रखा था। लोग सुषमाजी को थिएटर से ही रेस्क्यू करने को लेकर ट्विट पर ट्विट कर रहे थे। इसके मद्देनजर कल रात को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने कुछ चुनिंदा अफसरों के साथ मूवी का स्पेशल शो देखा। फिल्म देखने के दौरान ही जेटलजी को एहसास हुआ कि इसमें तो उतनी ही भयंकर ठगी है, जितनी कि नेतागिरी में है। उन्हें तुरंत स्थिति की गंभीरता समझ में आ गई और फिल्म के शो को बीच में ही रुकवा दिया। उन्होंने रात में ही जनहित में ठग्स ऑफ हिंदोस्तान को स्पेशल केस मानते हुए उस पर 100 फीसदी GST लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।”

150 फीसदी सेस भी :

इस मूवी की स्क्रीनिंग के दौरान वित्त मंत्रालय के तीन अफसरों को आंशिक तौर पर मिर्गी के दौरे भी आ गए। इसको देखते हुए वित्त मंत्री ने ठग्स ऑफ हिंदोस्तान को आम दर्शकों की मेंटल हेल्थ के लिए घातक वस्तुओं की श्रेणी में रखकर इस पर 150 फीसदी सेस भी लगाने का निर्णय लिया है। यह सेस भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सलमान की ट्यूबलाइट पर भी सरकार इसी तरह से 100 फीसदी GST और 150 फीसदी सेस लगा चुकी है।

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गुरुवार, 15 नवंबर 2018

Humor : बढ़ती डिमांड को देखते हुए सांबित पात्रा ने नियुक्त किए अपने 5 प्रवक्ता

sambit patra funny and satire

हिंदी सटायर डेस्क। टीवी चैनलों पर भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा की लगातार डिमांड को देखते हुए पात्रा ने अब खुद अपने 5 प्रवक्ताओं का ऐलान किया है। नए चैनलों पर सांबित की ओर से उनके ये प्रवक्ता ही शामिल होंगे। कुछ बड़े चैनलों पर सांबित पात्रा (sambit-patra) बने रहेंगे। यह जानकारी पात्रा के हेड प्रवक्ता ने दी।

सांबित पात्रा के हेड प्रवक्ता ने बताया, “पिछले कुछ महीनों से पात्राजी काफी बिजी चल रहे हैं। वे न ढंग से खाना खा पा रहे थे और न ही सो पा रहे थे। इसी वजह से उन्होंने पांच नए प्रवक्ताओं की टीम बनाई है।”

पात्रा के हेड प्रवक्ता ने यह भी बताया कि यह शुरुआती अपॉइंटमेंट है। जरूरत पड़ने पर सांबित पात्रा जी ने हमें भी अपने दो-दो प्रवक्ता रखने के अधिकार दिए हैं। अगर इसके बाद भी काम नहीं बनता है तो पात्रा जी अपने कुछ क्लोन भी तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।

सोमवार, 15 अक्तूबर 2018

Humor : फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग, जानिए इन्हें कैसे पहचानें?

fake political leaders funny political satire


हिंदी सटायर डेस्क। फेक न्यूज को लेकर चल रहे विवाद के बीच सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग की है। नेताओं की सर्वदलीय समिति ने इस संबंध में सरकार को एक पत्र भेजा है। इसमें समिति ने आशंका जताई है कि जैसे एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है, उसी तरह ऐसे चुनिंदा फेक नेता भी राजनीति के पवित्र सागर को गंदा कर देंगे। इसलिए इन पर तुरंत प्रतिबंध लगाकर और उन्हें लात मारते हुए राजनीति से बाहर कर देना चाहिए।

फेक नेताओं के गिनाए कु-लक्षण
हिंदी सटायर को भी लीकेज में इस पत्र की एक कॉपी हाथ लगी है। इस पत्र में फेक नेताओं के 5 कु-लक्षण बताए गए हैं। हम अपने रीडर्स के लिए भी 5 कु-लक्षण बता रहे हैं ताकि वे सतर्क रहें और ऐसे कु-लक्षण वाले नेताओं को देखते हुए उन्हें लात मारकर भगा सकें।

कु-लक्षण 1 : जैसी कथनी, वैसी करनी
ये वे होते हैं, जो जैसा बोलते हैं, वैसा करते हैं। इनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता। ये ईमानदारी की न केवल बात करते हैं, बल्कि खुद ईमानदार भी होते हैं।

कु-लक्षण 2 : धर्म और जातिवाद से परे
ये नेता वोट लेने के लिए न धर्म का सहारा लेते हैं और न जाति का। इन्हें अक्सर चुनाव का टिकट भी नहीं मिलता। गाहे-बगाहे अगर टिकट मिलता भी है तो जीतते नहीं हैं। मौजूदा राजनीति के लिए ये सबसे घातक हैं।

कु-लक्षण 3 : भाई-भतीजावाद पर भरोसा नहीं
ये नेता समाज सेवा की इच्छा से राजनीति करते हैं। ये न अपने बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, न अपने रिश्तेदारों को। अपने उत्तराधिकारी का चयन मेरिट के आधार पर करते हैं।

कु-लक्षण 4 : कमीशनखोरी से परहेज
ये इन नेताओं का सबसे बड़ा कु-लक्षण है। ये कमीशनखोरी से परहेज कर नेतागिरी के पावन उद्देश्य को ही डिफिट कर देते हैं। ऐसे नेता न केवल खुद के, बल्कि पूरी भारतीय राजनीति पर कलंक के समान होते हैं।

कु-लक्षण 5 : संस्कार पैदाइशी इनबिल्ट
ऐसे फेक नेताओं के मुंह पर अपने विरोधियों के लिए भी सम्मान का भाव रहता है। ये कोई गाली-गलौज नहीं करते। संस्कार नामक अवगुण इनमें पैदाइशी इनबिल्ट होता।

सरकार ने पूछा, ऐसे नेता हैं कहां?
नेताओं की सर्वदलीय समिति के पत्र के जवाब में सरकार ने पूछा है कि ऐसे नेता हैं कहां? सरकार ने कहा कि हमें तो ये न किसी सरकार में नजर आते हैं, न किसी पार्टी में प्रमुख पदों पर। अगर दो-चार कहीं होंगे भी इधर-उधर कोने में पड़े होंगे। हमें इसकी चिंता में दुबले नहीं होकर राष्ट्रहित में जुटे रहना चाहिए।

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गुरुवार, 30 अगस्त 2018

Humor : कौन लिखता है राहुल गांधी के भाषण? जांच में हुआ खुलासा

rahul gandhi jokes with folding hand


By Jayjeet

हिंदी सटायर डेस्क। यह सवाल पिछले कई दिनों से पूछा जा रहा था कि आखिर राहुल गांधी के भाषण लिखता कौन है? अर्णब गोस्वामी ने भी पिछले दिनों यह कहकर पूरे देश में माहौल गर्म कर दिया था कि ‘नेशन वांट्स टू नो हू राइट्स फॉर द राहुल’। अर्णब के इस सवाल के बाद से ही सरकार भारी दबाव में थी। आखिरकार सरकार ने पता लगा ही लिया कि राहुल के भाषण कौन लिखता है। इसके लिए जांच एजेंसी सीबीआई तक की मदद ली गई।

उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी खुद ही अपने भाषण लिखते हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब सरकार के मौखिक आदेश पर सीबीआई ने राहुल के भाषण लिखने के तीन संदिग्ध आरोपियों को पकड़ा। ये तीनों पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर जोक्स पोस्ट किए जा रहे थे। लेकिन सीबीआई की कस्टडी में इन्होंने स्वर्गीय जसपाल भट्टी की कसम खाकर कहा कि उनके इत्ते बुरे दिन नहीं आए। वे राहुल के लिए भाषण लिख ही नहीं सकते। राहुल खुद अपने भाषण लिखते हैं।


सीबीआई के एक वरिष्ठ अफसर ने हिंदी सटायर से कहा, “हम भी निरे मूर्ख निकले। हमने यह क्यों नहीं सोचा कि राहुल खुद भी तो अपने भाषण लिख सकते हैं। और जिस तरह के भाषण वे पढ़ रहे हैं, उससे तो हमें पहले ही यकीन हो जाना चाहिए था कि अपने भाषण खुद राहुल ही लिख रहे होंगे।”

पीडी ने भी पुष्टि की :
राहुल अपने भाषण खुद लिखते हैं, इसकी पुष्टि करने के लिए सीबीआई ने कल रात तो पीडी (राहुल के पालतू डॉगी) से भी एक घंटे तक पूछताछ की। पीडी का नाम तब सुर्खियों में आया था जब राहुल ने कहा था कि पीडी ही उनके ट्विट्स पोस्ट करता है। एक घंटे की पूछताछ में पीडी ने कहा कि राहुल भैया के जोरदार भाषण दो ही लोग तैयार कर सकते हैं – या तो मैं या राहुल भैया खुद। मैं कर नहीं रहा हूं तो समझ जाइए कि कौन तैयार कर रहा है।

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शनिवार, 25 अगस्त 2018

Humor : अय्यर की कांग्रेस में वापसी से राहुल ने ली राहत की सांस, पर सिद्धू हुए नाराज

rahul with Iyer joke humour satire
कांग्रेस की केंद्रीय अनुशासन समिति के फैसले का स्वागत करते अय्यर व राहुल।

हिंदी सटायर डेस्क। कांग्रेस में मणिशंकर अय्यर की वापसी से राहुल गांधी ने राहत की सांस ली है। उन्हाेंने अपने कुछ करीबियों को धीरे से आंख मारकर कहा – अब मैं कांग्रेस को हरवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होकर कुछ दिनों के लिए नानी के घर जा सकूंगा। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि अगर अय्यरजी को वापस ही लाना था तो फिर मेरे द्वारा पाक सेनाध्यक्ष को गले लगाने का क्या मतलब निकला।

दिसंबर 2017 में कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर ‘नीच’ कहने पर निलंबित कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने मणिशंकर की जिम्मेदारी शशि थरूर को सौंप दी थी। थरूर ने भी आते ही अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए कहा था कि अगर 2019 में बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब होती है तो देश ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जाएगा।

सिद्धू हुए नाराज :

 कांग्रेस अनुशासन समिति के इस फैसले से सिद्धू काफी नाराज बताए जाते हैं और पाकिस्तान से लौटने के बाद से ही लगातार गुस्से में खुद ही ताली ठोंके जा रहे हैं। उनके एक करीबी ने समझाया भी कि खुद ताली मत ठोंको, नहीं तो लोगों को लगेगा कि कपिल का शो बंद होने के बाद पाजी ने कोई और काम शुरू कर दिया है।

इस पर सिद्धू ने फिर ताली ठोंकते हुए कहा, “गुरु, ये तो गलत बात है। पहले ही बता देते कि अय्यरजी की वापसी हो रही है तो मैं पाकिस्तान आर्मी चीफ के गले तो नहीं लगता। मैं तो पाकिस्तान गया ही इसलिए था कि अय्यरजी की जगह ले सकूं। अब मैं न इधर का रहा, न उधर का। इसीलिए तो तालियां ठोंके जा रहा हूं…। तुम भी ठोंको ताली, काम ही क्या बचा अब स्साला ..।”

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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

Humor : सलमान को सजा की खबर सबसे पहले किसने ब्रेक की, कोर्ट कल से करेगी सुनवाई

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हिंदी सटायर डेस्क। हिरण शिकार मामले में सलमान खान को 5 साल की सजा हो गई है। लेकिन अब टीवी चैनल इस बात में उलझे हुए हैं कि यह खबर सबसे पहले किसने दिखाई। यह तय करने के लिए कोर्ट कल से इस मामले की सुनवाई शुरू करेगा।

सलमान को सजा की घोषणा होते ही सभी चैनल हमेशा की तरह ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में इतने ज्यादा ज्यादा पगला गए कि इस अफरातफरी में चार चैनलों के रिपोर्टर्स और एक कैमरामैन के सिर भी फूट गए। इसको देखते हु विश्नोई समाज के वकीलों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट को पहले इस बात का निपटारा कर लेना चाहिए कि आखिर खबर ब्रेक किसने की। हिरण न्याय के लिए वेट कर सकते हैं।

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सलमान खान के वकीलों ने भी कहा है कि कोर्ट पहले यह तय कर लें कि खबर किसने ब्रेक की। जमानत अर्जी पर तो सुनवाई बाद में भी हो जाएगी। सलमान भाई दो-चार दिन जेल की रोटियां खा भी लेंगे तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। लेकिन अगर यह तय नहीं हो पाएगा कि सलमान की खबर ब्रेक किसने की तो राष्ट्रीय संकट पैदा हो सकता है।

इस बीच, इंडिया टीवी के वकील ने दावा किया है कि नतीजा उनके पक्ष में ही आएगा, क्योंकि भले ही चैनल ने सलमान को 2 साल की सजा मिलने की गलत खबर चलाई, लेकिन सबसे पहले चलाई तो उन्होंने ही। बाकी चैनलों ने ऐसा नहीं किया तो इसमें इंडिया टीवी की क्या गलती?

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बुधवार, 24 जनवरी 2018

Humor : करणी सेना की धमकी के बाद ‘हिम्मतवाला’ और ‘हमशकल्स’ के पोस्टर्स की मांग बढ़ी, जानिए क्यों?

padmavat karni sena


हिंदी सटायर डेस्क। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जनवरी को देशभर में पद्मावती उर्फ पद्मावत को रिलीज करने की अनुमति देने और करणी-सेना की धमकियों के बाद अचानक से साजिद खान की दो फिल्मों – हिम्मतवाला और हमशकल्स के पोस्टर्स की मांग बढ़ गई है। यह मांग देशभर के सिनेमाघरों की ओर से आई है। इससे करणी सेना के सैनिकों में भी अफरातफरी का आलम है। कई करणी सैनिकों ने पोस्टर्स की मांग को देखते हुए सिनेमाघरों पर हमला करने वाली लिस्ट में से अपने नाम कटवा लिए हैं।

हिम्मतवाला और हमशकल्स के पोस्टर्स की क्यों बढ़ी मांग?

हिंदी सटायर की टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो मजेदार कारण सामने आया। दरअसल, करणी सेना ने धमकी दी है कि अगर सिनेमाघरों में पद्मावत मूवी चलाई गई तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे। चूंकि सिनेमाघर के मालिक इतनी बड़ी कमाई वाली मूवी को चलाने का लोभ छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने करणी सेना के लोगों को डराने के लिए यह चाल चली है। इसके तहत सभी सिनेमाघरों के बाहर हिम्मतवाला या हमशकल्स मूवीज के पोस्टर लगा दिए जाएंगे। सिनेमाघर के मालिकों को उम्मीद है कि इन पोस्टर्स को देखकर करणी सेना वालों को लगेगा कि सिनेमाघरों में हिम्मतवाला या हमशकल्स चल रही है। इससे वे इस डर से थिएटरों के सामने फटकेंगे भी नहीं कि क्या पता उन्हें ये मूवी देखने के लिए बिठा लिया जाए और आधी मूवी के दौरान ही उन्हें जौहर करना पड़े। जैसे भी हैं, आखिर वे भी इंसान ही हैं।

करणी-सेना ने क्या कहा?

सिनेमाघरों की इस नई चाल से करणी सेना डिफेंसिव मूड में आ गई है। करणी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा – “सिनेमाघरों के मालिक हिम्मतवाला/हमशकल्स के पोस्टर लगाने की प्लानिंग करके नीचता पर उतर आए हैं। उन्हें पता है कि हमारे लोग अब सिनेमाघरों के आसपास फटकेंगे भी नहीं। लेकिन इसका बदला हम अगली किसी फिल्म के समय लेंगे। देखते हैं पोस्टर्स कब तक उनकी रक्षा करते हैं।” इतना कहते ही प्रवक्ता यह कहते हुए भाग निकला कि है मैया पद्मिनी, हमें इन पोस्टर्स को सहन करने की शक्ति देना।

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