रविवार, 28 जुलाई 2024

इन सड़कों में ही हमारा ‘कल’ छिपा है, इस इनोवेशन के लिए सैल्यूट...!

 

By Jayjeet

इन दिनों हम सबमें इतनी नकारात्मकता भर गई है कि कई असल इनोवेशन भी हमारी नुक्ताचीनी से बच नहीं पाते हैं। हम कुछ न कुछ खामियां ढूंढ़ते रहते हैं। अब इस सड़क को या इसी तरह की और भी सड़कों को देखिए। जबसे बारिश का सीजन आया है, मेरे कान यह सुनते-सुनते पक गए हैं कि देखो, कैसे पहली ही बारिश में सड़क गड्ढों में बदल गई। लेकिन सच तो यह है कि ये असल में एक इनोवेशन है, दूरदर्शिता की अनुपम मिसाल। इसमें ही हमारा कल, हमारा सुखद भविष्य छिपा है।
थोड़ा पीछे चलते हैं। कुछ माह पहले ही हम सब लोग गर्मी से त्राहिमाम कर रहे थे। जमीन के भीतर घटते भू-जल स्तर पर चिंता जताई जा रही थी। स्वाभाविक भी था। हर जगह कांक्रीटीकरण होने से भला पानी जमीन के भीतर जा भी कैसे सकता था?
लेकिन धन्य हो हमारे देश के इंजीनियर-अफसर-ठेकेदार। उन्होंने इस चिंता को समझा और इस तरह वे एक अनूठा कॉन्सेप्ट लेकर आए। इस कॉन्सेप्ट के अनुसार ठंड से लेकर गर्मी तक सड़कें केवल सड़क का काम करेंगी और बारिश होते ही ग्राउंड वॉटर रिचार्जेबल रोड्स में तब्दील हो जाएंगी।
कोशिश यही है कि बारिश की एक भी बूंद बर्बाद ना हो और इसलिए इन सड़कों के निर्माण के दौरान ही एक खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। तकनीक यह है कि बारिश की पहली बूंदों का स्पर्श होते ही इनमें लगे सेंसर काम करने लगें और वे सड़क को तुरंत गड्ढों में तब्दील कर दें। ऐसी सड़कें पूरे बारिश के महीने में इसी तरह पानी से भरी रहेंगी और जमीन के भीतर पानी की आपूर्ति करती रहेंगी। इस तरह ये हमारा कल सुरक्षित करने का काम करेंगी।
सवाल यह है कि बारिश के बाद क्या होगा? इसकी भी एक स्व-चालित प्रक्रिया है। नया टेंडर पास होगा और फिर ऐसी सड़कें बनाई जाएंगी जो गर्मी तक सड़क जैसा आभास देंगी। ये बारिश होने तक सड़क की तरह काम करती नजर आएंगी, और बारिश की पहली ही बूंदों से हमारे भविष्य को सुरक्षित करने में जुट जाएंगी।
तो जब भी आपको सड़क पर पानी से भरा कोई बड़ा गड्‌ढा नजर आए तो वर्तमान पर दुख जताने के बजाय यह सोचें कि हमारा-आपका भविष्य कितना सुरक्षित है....
ऐसे क्रिएटिव काम करने वालों को सैल्यूट! आप भी कीजिए!!
#monsoon2024 #potholes # जयजीत अकलेचा
(तस्वीर प्रतीकात्मक है, जो हर शहर की अपनी जैसी हर सड़क का प्रतिनिधित्व करती है।)