एक विश्व स्तरीय इनोवेटिव कंपनी कैसे बनती है? उसके बनने की प्रोसेस क्या होती है? उस देश या काल की परिस्थितियां क्या होती हैं? ऐसा कौन-सा जुनून होता है, जो ऐसी कंपनियों के निर्माण की बुनियाद बनता है? यह जानने-समझने के लिए कम से कम एक शख्स को पढ़ना बेहद जरूरी है और वह है स्टीव जॉब्स। इन पर सैकड़ों किताबें लिखी गई हैं, लेकिन उनके असल व्यक्तित्व को, उनकी कमजोरियों और जबरदस्त खूबियों के साथ समझने के लिए पढ़नी होगी वॉल्टर आइज़ैक्सन लिखित ऑफिशियल बायोग्राफी ‘स्टीव जॉब्स।’
हमने-आपने देखा है कि पैरेंट्स अपने बच्चों को बहुत कुछ देते हैं, अच्छा मोबाइल, अच्छी बाइक, ब्रांडेड जूते, डिजाइनर कपड़े… लेकिन अधिकांश लोग अपने बच्चों को महान शख्सियतों की बायोग्राफी नहीं देते (शायद थोड़ी महंगी होती हैं!)। अगर देते भी हैं तो वे आत्ममुग्ध कथाएं जिनमें नायक को केवल एक ‘भगवान’ के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है। सच तो यह है कि हर महान शख्स में भी कई कमजोरियां होती हैं। मगर उन कमजोरियों के साथ वह कैसे आगे बढ़ता है, कहां उठता है, कहां सीखता है, ऐसी जीवनियां लाइफ चेंजिंग हो सकती हैं। बेंजामिन फ्रेंकलिन, अब्राहम लिंकन, एपीजे अब्दुल कलाम, आइंस्टीन और इलॉन मस्क जैसी शख्सियतों की ओरिजिनल बायोग्राफी इन श्रेणियों में आती हैं। और बेशक, स्टीव जॉब्स की बायोग्राफी भी…।
मैंने स्टीव जॉब्स को टुकड़ों-टुकड़ों में थोड़ा बहुत पहले भी पढ़ रखा था, मगर जब मंजुल पब्लिशिंग हाउस के बैनर तले वॉल्टर आइज़ैक्सन लिखित उनकी ऑफिशियल बायोग्राफी को हिंदी में रूपांतरित करने का कार्य शुरू किया तो उन्हें बहुत विस्तार से जानने-समझने का मौका मिला। सैकड़ों इंटरव्यूज, जिनमें जॉब्स के भी करीब 40 साक्षात्कार शामिल हैं, के आधार पर लिखी यह बायोग्राफी उस तरफ ले जाती है, जहां पता चलता है कि आखिर जॉब्स जैसे आंत्रप्रेन्योर्स के मायने क्या हैं।
610 पन्नों की इस जीवनी में जॉब्स के पूरे व्यक्तित्व को समेटना संभव नहीं था और इसलिए शायद बहुत कुछ छूटा हुआ-सा प्रतीत होता है। मैंने भी डेढ़ साल पहले यह अनुवाद कार्य हाथ में लिया था और इसलिए जब इसे फिर से पढ़ता हूं तो लगता है कि बहुत कुछ और बेहतर हो सकता था।
फिर से दूसरे पैराग्राफ की तरफ लौटता हूं। आपके बच्चे जिस भी भाषा में सहज हों, उस भाषा में उन्हें अच्छी जीवनियां पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। इनमें जॉब्स की ऑफिशियल बायोग्राफी भी एक हो सकती है … और हिंदी समझने वाले पैरेंट्स पढ़ें यह हिंदी वाली बायोग्राफी और इसी तरह की अन्य जीवनियां। क्योंकि जीवनियां पढ़े जाने की दरकार बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिताओं को भी है, बल्कि ज्यादा है। ये जीवनियां बताएंगी कि बच्चे को वही करने दें, जिसमें वो सबसे अच्छा कर सकता है। अच्छे पैकेज की चिंता आप करें, मगर उसे ना होने दें…तब शायद हम देख सकेंगे अपने इस देश में भी स्टीव जॉब्स, इलॉन मस्क, लैरी पेज…!