By Jayjeet
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद कि चुनावों में धर्म, भाषा या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकते, उप्र में संवैधानिक संकट गहराने की आशंका पैदा हो गई है। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठकर एक स्वर में चुनाव आयोग से आगामी विधानसभा चुनाव अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने लिखे हुए बयान में बहनजी ने कहा- “लगता है कोर्ट में पढ़े-लिखे लोगों की कमी हो गई है। तभी ऐसे फैसले सुनाए जा रहे हैं। हम जाति और धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगेंगे तो क्या रोड और पानी के नाम पर मांगेंगे?”
जिंदगी में पहली बार बहनजी की बातों से सहमत होते हुए नेताजी ने भी कहा -“सई भात है, भैं भी यई #@#$%%%% ?” (सही बात है। मेरा भी यही कहना है कि ऐसे चुनाव लड़ने का क्या मतलब?)। हालांकि उन्होंने कहा कि वे भाषा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं। किसी को भी भाषा के नाम पर वोट नहीं मांगने चाहिए।
लगातार हंसे जा रहे हैं साक्षी और ओवैसी :
इस बीच, खबर आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद से ही साक्षी महाराज और ओवैसी लगातार हंसे जा रहे हैं। उनकी हंसी रुकने का नाम ही नहीं ले रही। दोनों एक-दूसरे के हाथों पर तालियां ठोक-ठोककर हंसे जा रहे हैं।
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