राहुल ने किया स्वागत, पर पार्टी कर रही है विरोध... |
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। धारा 370 पर कांग्रेस के रुख के मद्देनजर सरकार ने उसे विशेष पार्टी का दर्जा देने का फैसला किया है, ताकि पार्टी को बचाकर लोकतंत्र को भी बचाया जा सके। हालांकि कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का पूरजोर विरोध करते हुए कहा है कि उसे कोई भी तानाशाहीपूर्वक लिया गया निर्णय स्वीकार नहीं है। जनता दल यू ने भी इसका विरोध करने निश्चय किया है।
केंद्रीय कानून मंत्री हरिशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम पर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगता रहा है। लेकिन हम बताना चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र में पूरा विश्वास है। चूंकि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहम भूमिका होती है। इसके मद्देनजर ही हम कांग्रेस पार्टी को विशेष पार्टी का दर्जा देने जा रहे हैं। भले ही कांग्रेसी खुद कांग्रेस को खत्म करने के हरसंभव प्रयास कर लें, लेकिन कांग्रेस को संरक्षित करना हमारा दृढ़ संकल्प है।'
कानून में क्या होगा?
कांग्रेस को बचाने के लिए सरकार 'कांग्रेस विशेष पार्टी दर्जा बिल 2019' जल्दी ही राज्यसभा में पेश करेगी। इसके तहत देश की 44 लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए आरक्षित की जाएंगी। वहां कांग्रेसी ही कांग्रेसी के खिलाफ चुनाव लड़ सकेगा। इस तरह यह सुनिश्चित हो सकेगा कि संसद में कांग्रेस की न्यूनतम 44 सीटें तो हमेशा रहें ही। इसके अलावा सभी प्रमुख राज्यों की विधानसभाओं में भी कुछ सीटें आरक्षित की जाएंगी।
कांग्रेस विरोध करेगी, जद यू भी खिलाफ :
कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसका विरोध करने का निश्चय किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार यह कानून इसलिए बनाना चाहती है ताकि देश में कांग्रेस बची रहे और मोदी सरकार उसे गालियां दे-देकर सालों-साल सत्ता में आती रहे। हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे। हालांकि रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के इस आरोप को सिरे से ही खारिज करते हुए कहा कि अगर हमारी गलत मंशा होती तो हम 'राहुल गांधी स्थाई कांग्रेस अध्यक्ष बिल' लाते। लेकिन हमारा लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास है और हम हर काम लोकतंत्र को मजबूत करने के मकसद से ही कर रहे हैं।
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