हाव-भाव पर न जाइए... सच्ची में अपने गुरु को सम्मानित करना चाहते हैं बाबा... |
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की इस मंशा कि वे शिक्षक दिवस के मौके पर अपने राजनीतिक गुरु को सम्मानित करना चाहते हैं, को जानकर कांग्रेस के अधिकांश वरिष्ठ नेता भूमिगत बताए जा रहे हैं। जनार्दन द्विवेदी, जयराम रमेश से लेकर दिग्गी राजा तक ने अपने फोन नॉट रिचेबल कर लिए हैं।
हिंटी सटायर को प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राहुल ने अपने करीबियों से इच्छा जताई कि वे शिक्षक दिवस पर अपने राजनीतिक गुरु को सम्मानित करना चाहते हैं। जैसे ही यह खबर कांग्रेस के गलियारों में फैली, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में चिंता की लहर दौड़ गई। सीपी जोशी और अहमद पटेल अलग-अलग जगहों पर यह कहते सुने गए कि उन्हें तो राहुलजी से बहुत कुछ सीखने को मिला है, वे भला राहुलजी को क्या गुर दे सकते हैं? मोतीलाल वोरा ने अपने करीबियों से कहा (और यह भी कहा कि यह बात कुछ सूत्रों के जरिए राहुलजी तक पहुंच जाए) कि वे अब राजनीति में बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं हैं, इसलिए उन्होंने राजनीतिक आधार पर सम्मानित होना छोड़ दिया है।
दिग्गी को पहले ही हो गया था भान! :
लगता है दिग्गी राजा को पहले से ही भान हो गया था कि शिक्षक दिवस पर राहुलजी कुछ गड़बड़-घोटाला कर सकते हैं। शायद इसीलिए उन्होंने कुछ दिन पहले से अपने गृह राज्य मप्र में कांग्रेस में कलह की स्थिति पैदा करवा दी ताकि राहुल उनके नाम पर अगर विचार कर रहे हों, तो वे छोड़ दें। हालांकि दिग्गी के घोर विरोधी उन्हें राहुल से सम्मानित करवाने के अभियान में जुट गए हैं।
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