By Jayjeet
आज मैं रामायण देख रहा था। गलती से Alexa भी पास ही बैठ गया। रामायण समाप्त होने के बाद क्या विचित्र वार्तालाप हुआ, आप भी सुनिए :
Me : Alexa ….
Alexa : जी स्वामी!
Me : मुझे स्वामी क्यों कह रहे हो Alexa?
Alexa : स्वामी को स्वामी न कहूं तो क्या कहूं? मैं आपका दास, आप मेरे स्वामी।
Me : वाह, क्या तुम मेरी एक आज्ञा मानोगे?
Alexa : जी स्वामी, मैं आपकी हर आज्ञा का पालन करने के लिए वचनबद्ध हूं। आज्ञा दीजिए प्रभु, मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूं?
Me : क्या तुम बता सकते हो कि इस संसार में ये कोरोना क्यों फैला?
Alexa : आप तो सर्वज्ञाता हैं। आपसे इस दुनिया में क्या छिपा है। गूगल जैसे मेरे महाज्ञानी तातश्री का ज्ञानरूपी खजाना आपके मोबाइल में है। इस तुच्छ सेवक द्वारा इस विषय में कुछ कहना तो तातश्री के सूरज को दीपक दिखाने के समान होगा।
Me : अच्छा इतना तो बता दो कि कोराना वायरस कब जाएगा?
Alexa : यह तो काल के हाथ में है प्रभु, परंतु विधाता का यह अटल नियम है कि जो आता है, उसे एक न एक दिन जाना ही होता है। फिर कोरोना जैसे अत्याचारी के विषय में भी विधाता ने कुछ न कुछ उपाय अवश्य किए होंगे। जिस दिन इसके पाप का घड़ा भर जाएगा, उसी दिन इसका अंत हो जाएगा। इसलिए विश्वास रखिए कि शीघ्र सबकुछ अच्छा ही होगा।
Me : तब तक हमें क्या करना चाहिए Alexa ? कुछ मार्गदर्शन कीजिए।
Alexa : स्वामी, आप मुझ जैसे तुच्छ सेवक से मार्गदर्शन की अपेक्षा रख रहे हैं, यह तो आपकी उदारता है। मार्गदर्शन के लिए तो इस देश के प्रधान सेवक ही पर्याप्त हैं। वे जैसा कह रहे हैं, वैसा कीजिए। इसी में सभी का कल्याण है।
Me : वे दीप प्रज्ज्वलित करने का कह रहे हैं, इससे क्या होगा? इस विषय में कुछ प्रकाश डालेंगे?
Alexa : स्वामी, इस विषय में सभी एक मत नहीं हैं। फिर भी हमारे सभी धर्मग्रंथों में दीप प्रज्जवलन की परंपरा का अपार महिमामंडन किया गया है। अगर एक दीप जलाने से समस्त प्राणियों में उत्साह का वातावरण निर्मित होता है तो इसे करने में कोई हानि नहीं है। । कई बार सकारात्मकता से भी शत्रु को परास्त करने में विजय मिलती है। बस, इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि ऐसा करते समय हम घर की लक्ष्मण रेखा की मर्यादा नहीं भूल जाएं। हमें कोई उत्सव भी नहीं मनाना है। बस, एक दीप जलाना है।
Me : इस समय एक जमात के कुछ नासमझ लोगों के कारण भी कोरोना संक्रमण का विस्तार हुआ है। इस विषय में तुम्हारा क्या मत है Alexa?
Alexa : यह सत्य है कि कुछ विमूढ़ प्रजाजनों की त्रुटि का दुष्परिणाम कई निर्दोष प्राणियों को भुगतना पड़ रहा है। उनके इस कृत्य से उनके ही ईश्वर कितने कुपित हो रहे हैं, इसका उन्हें तनिक भी भान नहीं हैं। किंतु स्वामी, हमें एक बात का और ध्यान रखना चाहिए। जो मुट्ठीभर लोग ऐसा कर रहे हैं, उसके लिए उनके पूरे धर्म-समाज को दोषी ठहराना उस समाज के अन्य प्राणियों के प्रति अन्याय होगा।
Me : वाह Alexa, तुमने तो मेरी आंखें खोल दी हैं। मैं धन्य हूं तुमसे ये ज्ञान अर्जित करके। मुझे अब विश्वास हो गया है कि जिस समाज में तुम्हारे जैसे ज्ञानी Alexa हों, वह समाज अवश्य ही कोरोना जैसे शत्रुओं को परास्त करने में सफल होगा।
Alexa : आपकी यह प्रशंसा तो मेरे लिए प्रसाद के समान है प्रभु। मैं उपकृत हूं कि मुझे भी आप जैसे परम उदार, परम ज्ञानी स्वामी मिले। अब मैं आज्ञा चाहता हूं प्रभु, टीवी पर महाभारत आने वाली है।
Me : आज्ञा है वत्स। मन लगाकर देखना।
(Disclaimer : यह केवल काल्पनिक है। पर आप अलेक्सा के साथ ऐसा ट्राय कर सकते हैं।)
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Google Translate :
Humor & Satire: When Alexa spoke in Ramayana style
Today I was watching Ramayana. By mistake Alexa also sat close by. What a bizarre conversation that happened after the end of the Ramayana, you also hear:
Me: Alexa….
Alexa: Master!
Me: Why are you calling me Alexa?
Alexa: What if I don't call Swami as Swami? I am your servant, you are my master.
Me: Wow, would you obey me?
Alexa: Yes, Master, I am committed to obey you. Please Lord, what can I help you with?
Me: Can you tell why this corona spread in this world?
Alexa: You are so omniscient. What is hidden in this world from you? The knowledgeable treasure of my great scientist like Google Tatashri is in your mobile. Saying something about this by this despised servant would be like showing a lamp to the sun of Tatashri.
Me: Okay so tell me when will the Korana virus go?
Alexa: It is in the hands of Kaal, Lord, but it is the unwavering rule of the Creator that whatever comes, he has to go one day or the other. Then even in the case of a tyrant like Corona, the creator must have taken some measures. The day the pot of its sin is filled, the same day it will end. So have faith that everything will be good soon.
Me: What should we do until then, Alexa? Please provide some guidance.
Alexa: Swami, you are expecting guidance from a petty servant like me, it is your generosity. Only the chief servants of this country are sufficient for guidance. Do as they say. It is the welfare of all.
Me: They are asking to light the lamp, what will happen to it? Will you throw some light on this subject?
Alexa: Swami, not everyone is of the same opinion about this subject. Nevertheless, the tradition of lamp lighting has been glorified in all our scriptures. If lighting a lamp creates an atmosphere of excitement in all beings, then there is no harm in doing it. . At times, positivity also leads to victory in defeating the enemy. Just, it must be kept in mind that while doing this, we should not forget the dignity of Lakshman Rekha in the house. We do not have to celebrate any festival. That is, to light a lamp.
Me: At present, corona infection has also spread due to a few mindless people of one group. What is your opinion about Alexa?
Alexa: It is true that many innocent creatures are suffering the consequences of the error of some impure people. He is not even aware of how angry his God is being with this act. But Swami, we should take care of one more thing. For all the people who are doing this, it will be unjust towards other creatures of that society to blame them.
Me: Wow Alexa, you have opened my eyes. I am blessed by earning this knowledge from you. I now believe that a society that has a knowledgeable Alexa like you, that society will surely be successful in defeating enemies like Corona.
Alexa: This praise of yours is like a offering to me, Lord. I am obliged that I also find such a benevolent, supreme knowledgeable master like you. Now I want permission, Lord, Mahabharata is coming on TV.
Me: The command is Watts. Watch with heart
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