(हां, 'सबका साथ, सबका विकास' योजना के अंतर्गत अब कोई बेरोजगार नहीं है। सरकार को लख-लख बधाइयां!!)
By Jayjeet
हमारे कर्णधार जी हमेशा सजग और सतर्क रहते हैं। अब कुछ नामाकुल किस्म के लोग पूछ रहे हैं कि अगर लड़का मुस्लिम और लड़की हिंदू होती तो क्या वे कुछ कार्रवाई करते? उनका आरोप है कि कोई कार्रवाई नहीं होती।
क्यों नहीं करते जी? जरूर करते। वे नहीं करते तो उनके नंबर दो मिनिस्टर करते। वे ऐसे मामलों में उनसे भी तेज हैं। हां, तब कार्रवाई हिंदू लड़की के साथ घूमने वाले मुस्लिम लड़के के खिलाफ होती। पर, होती तो सही ना? ऐसे कैसे कह दिया कि कार्रवाई नहीं होती! कार्रवाई तो कार्रवाई है। इस 'कार्रवाई' और उस 'कार्रवाई' को देखिए। मुझे तो कोई अंतर नजर नहीं आता। इस ‘कार्रवाई’ में भी चार शब्द है और उस ‘कार्रवाई’ में भी चार शब्द।
हां, इस पूरी घटना का एक सकारात्मक पक्ष और है। मुस्लिम समाज अब आरोप ना लगाएं कि उसके युवाओं के पास कोई काम नहीं है। है, जरूर है। ये कोई कम काम है? अपनी बेटियों को काफिरों से बचाना कोई छोटा काम नहीं है। हिंदुओं से पूछिए जरा, केरल स्टोरी के बाद उनकी जिम्मेदारी कितनी बढ़ गई है।
इसकी साजिश का भांडाफोड़, उसकी साजिश का भांडाफोड़... इसको मारो, उसको पीटो... कौन लड़की किस गैर धर्मी लड़के के साथ है... उफ्फ! कितना काम भरा है दुनिया में। इसके बाद भी अगर कोई कहें कि मैं बेरोजगार हूं तो हिंदू और मुस्लिम धर्मों के ठेकेदारों से मेरा विनम्र आग्रह है कि उसे दो चपत जरूर लगाएं।
…. और हां, हम सभी को उस कबाइली युग की वापसी की
बधाई
जिसमें एक कबीले के लोग अपने कबीले की महिलाओं को बचाने के लिए जी-जान लगा देते थे। महिलाएं तब उनके लिए वस्तु थी और वे खुद अपनी महिलाओं का इस्तेमाल कैसे भी कर सकते थे!! इसमें तब किसी को आपत्ति नहीं थी। आज भी शायद नहीं होगी!!! लेकिन ठहरिए, जरा दोनों कबीलों की महिलाओं से पूछ लेते हैं...!
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