इस खिलाड़ी को मैंने कभी भी खराब खेलते नहीं देखा। बॉल से नहीं तो बैट से, इसने हमेशा अपनी उपयोगिता सिद्ध की। इस वर्ल्ड कप में खेले गए एकमात्र मैच में भी (10 ओवर में 34/1, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ)। मुझे अभी भी समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इस खिलाड़ी को केवल पानी पिलाने के लिए टीम स्क्वाड में शामिल क्यों किया गया!!
अहमदाबाद की धीमी पिच पर हुए इस महत्वपूर्ण व बेहद दबाव वाले मुकाबले में आर. अश्विन जैसा अनुभवी और प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकता था!
मगर अब बस अगर-मगर के अलावा कुछ बाकी नहीं... तो आइए हार को खुले मन से स्वीकार करें...!
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