यहां आपको कॉन्टेंट मिलेगा कभी कटाक्ष के तौर पर तो कभी बगैर लाग-लपेट के दो टूक। वैसे यहां हरिशंकर परसाई, शरद जोशी जैसे कई नामी व्यंग्यकारों के क्लासिक व्यंग्य भी आप पढ़ सकते हैं।
गुरुवार, 22 अगस्त 2019
गुरुवार, 8 अगस्त 2019
Satire : कांग्रेस को मिलेगा ‘विशेष पार्टी का दर्जा’, लोकतंत्र को बचाने सरकार लाएगी कानून
राहुल ने किया स्वागत, पर पार्टी कर रही है विरोध... |
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। धारा 370 पर कांग्रेस के रुख के मद्देनजर सरकार ने उसे विशेष पार्टी का दर्जा देने का फैसला किया है, ताकि पार्टी को बचाकर लोकतंत्र को भी बचाया जा सके। हालांकि कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का पूरजोर विरोध करते हुए कहा है कि उसे कोई भी तानाशाहीपूर्वक लिया गया निर्णय स्वीकार नहीं है। जनता दल यू ने भी इसका विरोध करने निश्चय किया है।
केंद्रीय कानून मंत्री हरिशंकर प्रसाद ने कहा, 'हम पर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगता रहा है। लेकिन हम बताना चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र में पूरा विश्वास है। चूंकि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहम भूमिका होती है। इसके मद्देनजर ही हम कांग्रेस पार्टी को विशेष पार्टी का दर्जा देने जा रहे हैं। भले ही कांग्रेसी खुद कांग्रेस को खत्म करने के हरसंभव प्रयास कर लें, लेकिन कांग्रेस को संरक्षित करना हमारा दृढ़ संकल्प है।'
कानून में क्या होगा?
कांग्रेस को बचाने के लिए सरकार 'कांग्रेस विशेष पार्टी दर्जा बिल 2019' जल्दी ही राज्यसभा में पेश करेगी। इसके तहत देश की 44 लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए आरक्षित की जाएंगी। वहां कांग्रेसी ही कांग्रेसी के खिलाफ चुनाव लड़ सकेगा। इस तरह यह सुनिश्चित हो सकेगा कि संसद में कांग्रेस की न्यूनतम 44 सीटें तो हमेशा रहें ही। इसके अलावा सभी प्रमुख राज्यों की विधानसभाओं में भी कुछ सीटें आरक्षित की जाएंगी।
कांग्रेस विरोध करेगी, जद यू भी खिलाफ :
कांग्रेस ने इस विधेयक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसका विरोध करने का निश्चय किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार यह कानून इसलिए बनाना चाहती है ताकि देश में कांग्रेस बची रहे और मोदी सरकार उसे गालियां दे-देकर सालों-साल सत्ता में आती रहे। हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे। हालांकि रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस के इस आरोप को सिरे से ही खारिज करते हुए कहा कि अगर हमारी गलत मंशा होती तो हम 'राहुल गांधी स्थाई कांग्रेस अध्यक्ष बिल' लाते। लेकिन हमारा लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास है और हम हर काम लोकतंत्र को मजबूत करने के मकसद से ही कर रहे हैं।
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मंगलवार, 6 अगस्त 2019
बुधवार, 12 जून 2019
Satiire : हिंदी के भक्तिकाल की तर्ज पर सिलेबस में जुड़ेगा नया अध्याय – राजनीति का भक्तिकाल
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की दोबारा सत्ता में वापसी के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक नई पहल की है। इसके तहत हिंदी के भक्तिकाल की तर्ज पर पाठ्यक्रमों में ‘राजनीति का भक्तिकाल’ नाम से एक नया अध्याय जोड़ा जा रहा है। इस अध्याय की एक कॉपी hindisatire के भी हाथ लगी है। इसके मुख्य अंश हम अपने रीडर्स के लिए पेश कर रहे हैं :
‘राजनीति का भक्तिकाल’ पाठ के मुख्य अंश :
भारतीय राजनीति में भक्तिकाल का आरंभ ईस्वी 2014 (संवत् 2071) से माना जाता है। मोदी भक्त इतिहासकार (जो साेशल मीडिया की देन रहे हैं) इसे भारतीय राजनीतिक शासन व्यवस्था का श्रेष्ठ काल मानते हैं। वैसे भक्तिकाल की धारा का उद्गम सन् 2001 से होता है जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात की बागडोर संभाली थी। लेकिन साल 2012 में चौथी बार मुख्यमंत्री बनने और 2013 में पीएम पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद से भक्तिकाल की यह धारा फूट-फूटकर बहने लगी। 2014 के बाद से तो सोशल मीडिया पर भक्तों ने ऐसी भक्ति पेली कि कृष्ण के सूरदास, राम के तुलसीदास जैसे दासों की भक्ति तक फीकी पड़ गई। भक्ति की पिलाई करते समय न जात का फर्क रखा, न पांत का :
जाति-पांति पूछे नहिं कोई।
मोदी को भजै सो मोदी का होई।
इस काल में मोदी भक्ति की कई रचनाएं रची गई हैं जो अविस्मरणीय है :
भक्ति जो सीढ़ी मुक्ति की, चढ़ै मोदी भक्त हरषाय।
और न कोई चढ़ि सकै, लात दे गिराय।।
यानी कवि कहता है कि मोदी का जो भक्त मोदी भक्ति नामक सीढ़ी चल लेता है, वह हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है। लेकिन जो चढ़ने में हिचक करता है, तो सीढ़ी के ऊपरी पायदान पर बैठे मोदी भक्त उसे लात मारकर और भी नीचे गिरा देते हैं।)
मोदी की भक्ति बिन, अधिक जीवन संसार।
धुवाँ का सा धौरहरा, बिनसत लगै न बार।।
यानी कवि कहता है कि मोदी की भक्ति के बिना संसार में जीना धिक्कार है। यह माया (वती) तो धुएं के महल के समान है। इसके खतम होने में समय नहीं लगता।
दो तरह की होती है भक्ति :
इतिहासकारों ने मोदी के प्रति भक्ति को सगुण भक्ति माना है। यानी वह भक्ति जो गुणों की वजह से की जाती है। लेकिन इसी दौरान निर्गुण भक्ति का भी एक दौर चला है। राजनीति में एक खास परिवार के प्रति भक्ति को इतिहासकार निर्गुण भक्ति मानते हैं। यानी वह भक्ति, जो गुणों की वजह से नहीं, परिवार के कारण की गई।
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शनिवार, 1 जून 2019
Humor : गर्मी से राहत दिलाने भाजपा व कांग्रेस ने केजरीवाल से की मफलर धारण करने की मांग
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। देश के लोगों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर अरविंद केजरीवाल से यथाशीघ्र मफलर धारण करने की मांग की है। इन दाेनों राष्ट्रीय पार्टियों का मानना है कि इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा आम लोगों को गर्मी से राहत दिलाना है। ऐसे में केजरीवाल का मफलर ही सूरज को कन्फ्यूज कर गर्मी के तेवर को कम कर सकता है।
भाजपा के प्रवक्ता सांबित पात्रा और कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने अलग-अलग टीवी चैनलों पर हुई चर्चाओं के दौरान ये मांग की। सांबित पात्रा ने कहा, “इस समय दिल्ली समेत पूरा देश भीषण गर्मी से परेशान हैं, लेकिन केजरीवाल बिजली सस्ती करने में लगे हुए हैं। अगर केजरीवाल को वाकई आम लोगों की चिंता है तो उन्हें तुरंत मफलर धारण करना चाहिए।”
उधर, कांग्रेस के प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने भी कहा कि राष्ट्रहित में दलीय मतभेदों को ऊपर रखकर कार्य करना कांग्रेस की संस्कृति रही है। इसीलिए भाजपा से वैचारिक मतभेद होने के बावजूद हम भी श्री केजरीवाल जी से मफलर धारण करने का आग्रह करते हैं। अखिलेश प्रताप ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इतना महत्वपूर्ण मसला होने के कारण ही वे कांग्रेस हाईकमान की विशेष अनुमति से टीवी पर आए हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस हाईकमान ने अगले एक माह के लिए अपने प्रवक्ताओं के टीवी बहस में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
केजरीवाल ही अंतिम उम्मीद :
इस बीच विशेषज्ञाें ने भी कहा है कि इस समय तो केवल अरविंद केजरीवाल से ही उम्मीद जताई जा सकती है। मौसम वैज्ञानिक डॉ. रमण पुजारी ने hindisatire से कहा, “हालांकि इस साल केजरीवाल ने ठंड में मफलर धारण नहीं किया, फिर भी सूरज पर मफलर इम्पैक्ट बाकी है। इसी के चलते केजरीवाल के मफलर धारण करते ही सूरज को एहसास होने लगेगा कि यह तो ठंड का मौसम है और इस मौसम में इतनी गर्मी ठीक नहीं है। इस तरह कन्फ्यूज होकर सूर्य देवता अपना तेज कम कर देंगे।”
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बुधवार, 8 मई 2019
सोमवार, 15 अप्रैल 2019
Humour : ब्लैक होल मिलने से इतने खुश हुए वाड्रा कि लड्डू तक बंटवा दिए, जानिए क्यों?
By Jayjeet
नई दिल्ली। धरती से करोड़ों गुना बड़ा ब्लैक होल (black-hole) मिलने की खबर से सबसे ज्यादा खुश रॉबर्ट वाड्रा बताए जा रहे हैं। वे यह खबर मिलते ही इतने खुश हो गए कि उन्होंने इनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) के दफ्तर में उनके साथ चल रही पूछताछ रुकवा दी और ईडी के तमाम कर्मचारियों के बीच मोतीचूर के लड्डू तक बंटवा दिए। आखिर ब्लैक होल के मिलने का उनकी खुशी से क्या संबंध? इस बारे में हमने उनसे बहुत ही संक्षेप में बात की।
हिंदी सटायर : सुना है, आप ब्लैक होल मिलने से बड़े खुश हैं?
वाड्रा : जी हां, खुश क्यों नहीं होंगे? धरती से करोड़ों गुना बड़ा है।
हिंदी सटायर : तो इसमें आपके खुश होने की वजह?
वाड्रा : क्यों नहीं होगे भाई? अगर यह धरती से करोड़ों गुना बड़ा है तो सोचो कि वहां जमीन कितनी होगी? और सबसे बड़ी बात, वहां ईडी भी नहीं होगा।
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बुधवार, 13 मार्च 2019
मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019
Humor : पाकिस्तानी हुक्मरानों पर दबाव बनाने के लिए मोदी सरकार का नया दांव, टोटल धमाल रिलीज करने के निर्देश
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाने के लिए मोदी सरकार एक और बड़ा दांव चलने जा रही है। इसके तहत सरकार ने मूवी 'टोटल धमाल' के प्रोड्यूसर्स को तत्काल प्रभाव से अपनी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज करने के आदेश दिए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इससे पाकिस्तानी दर्शको को जो मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचेगा, वह वहां की सरकार पर दबाव का काम करेगा।
बता दे कि इससे पहले टोटल धमाल के प्रोड्यूसर्स ने कश्मीर में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के चलते फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज नहीं करने का फैसला किया था। लेकिन गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, “टोटल धमाल को लेकर मिले इंटेलीजेंस फीडबैक के बाद हमारे सुरक्षा सलाहकार और कुछ विशेषज्ञों ने टोटल धमाल मूवी का जायजा लिया। इसमें तय किया गया कि हमें इटेलीजेंस के चक्कर में न पड़कर इस नॉन-इंटेलीजेंस टूल का इस्तेमाल अपने शत्रुओं को मजा चखाने में करना चाहिए।”
इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सलाह पर ही टोटल धमाल को पाकिस्तान में रिलीज करवाने का फैसला लिया गया है। सूत्र के अनुसार टोटल धमाल को देखने के लिए पाकिस्तानी दर्शकों को टिकट खरीदी का आर्थिक नुकसान तो पहुंचेगा ही, जबदरस्त मानसिक आघात भी मिलेगा। इस फिल्म के इंटरवल में एक संदेश भी चलाया जाएगा, जिसमें साफ-साफ लिखा होगा - “यह तो केवल एक ट्रेलर है। अगर पाक सरकार ने हमें आतंकी सरगना नहीं सौंपे, तो हमारे पास ऐसी कई फिल्में सीमा पर पेटीपैक तैयार हैं। हम जल्दी ही वे पाकिस्तान में भिजवा देंगे। इनमें साजिद खान की मूवीज भी शामिल हैं।”
#satire #humor #total-dhamaal
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मंगलवार, 20 नवंबर 2018
Humor : ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर हरकत में आई सरकार, लगाया 100 फीसदी स्पेशल GST
जीएसटी की घोषणा के बाद माफी मांगते आमिर। लगता है जेटली को माफी भी रास नहीं आई। |
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ पर 100 फीसदी की दर से स्पेशल GST लगा दिया है। ऐसा दर्शकों की मेंटली हेल्थ के मद्देनजर और उन्हें फ्रस्टेशन से बचाने के लिए किया है। इससे पहले सरकार ने ट्यूबलाइट पर स्पेशल GST लगाकर उन्हें राहत देने की कोशिश की थी।
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, “जिस दिन से ठग्स ऑफ हिंदोस्तान रिलीज हुई है, दर्शकों ने सरकार की नाक में दम कर रखा था। लोग सुषमाजी को थिएटर से ही रेस्क्यू करने को लेकर ट्विट पर ट्विट कर रहे थे। इसके मद्देनजर कल रात को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने कुछ चुनिंदा अफसरों के साथ मूवी का स्पेशल शो देखा। फिल्म देखने के दौरान ही जेटलजी को एहसास हुआ कि इसमें तो उतनी ही भयंकर ठगी है, जितनी कि नेतागिरी में है। उन्हें तुरंत स्थिति की गंभीरता समझ में आ गई और फिल्म के शो को बीच में ही रुकवा दिया। उन्होंने रात में ही जनहित में ठग्स ऑफ हिंदोस्तान को स्पेशल केस मानते हुए उस पर 100 फीसदी GST लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।”
150 फीसदी सेस भी :
इस मूवी की स्क्रीनिंग के दौरान वित्त मंत्रालय के तीन अफसरों को आंशिक तौर पर मिर्गी के दौरे भी आ गए। इसको देखते हुए वित्त मंत्री ने ठग्स ऑफ हिंदोस्तान को आम दर्शकों की मेंटल हेल्थ के लिए घातक वस्तुओं की श्रेणी में रखकर इस पर 150 फीसदी सेस भी लगाने का निर्णय लिया है। यह सेस भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सलमान की ट्यूबलाइट पर भी सरकार इसी तरह से 100 फीसदी GST और 150 फीसदी सेस लगा चुकी है।
#satire #humor #Thugs-of-Hindostan #hindi_movies
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गुरुवार, 15 नवंबर 2018
Humor : बढ़ती डिमांड को देखते हुए सांबित पात्रा ने नियुक्त किए अपने 5 प्रवक्ता
हिंदी सटायर डेस्क। टीवी चैनलों पर भाजपा प्रवक्ता सांबित पात्रा की लगातार डिमांड को देखते हुए पात्रा ने अब खुद अपने 5 प्रवक्ताओं का ऐलान किया है। नए चैनलों पर सांबित की ओर से उनके ये प्रवक्ता ही शामिल होंगे। कुछ बड़े चैनलों पर सांबित पात्रा (sambit-patra) बने रहेंगे। यह जानकारी पात्रा के हेड प्रवक्ता ने दी।
सांबित पात्रा के हेड प्रवक्ता ने बताया, “पिछले कुछ महीनों से पात्राजी काफी बिजी चल रहे हैं। वे न ढंग से खाना खा पा रहे थे और न ही सो पा रहे थे। इसी वजह से उन्होंने पांच नए प्रवक्ताओं की टीम बनाई है।”
पात्रा के हेड प्रवक्ता ने यह भी बताया कि यह शुरुआती अपॉइंटमेंट है। जरूरत पड़ने पर सांबित पात्रा जी ने हमें भी अपने दो-दो प्रवक्ता रखने के अधिकार दिए हैं। अगर इसके बाद भी काम नहीं बनता है तो पात्रा जी अपने कुछ क्लोन भी तैयार करने पर विचार कर रहे हैं।
गुरुवार, 8 नवंबर 2018
बुधवार, 7 नवंबर 2018
सोमवार, 15 अक्तूबर 2018
Humor : फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग, जानिए इन्हें कैसे पहचानें?
हिंदी सटायर डेस्क। फेक न्यूज को लेकर चल रहे विवाद के बीच सभी राजनीतिक दलों ने एक स्वर में फेक नेताओं पर बैन लगाने की मांग की है। नेताओं की सर्वदलीय समिति ने इस संबंध में सरकार को एक पत्र भेजा है। इसमें समिति ने आशंका जताई है कि जैसे एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है, उसी तरह ऐसे चुनिंदा फेक नेता भी राजनीति के पवित्र सागर को गंदा कर देंगे। इसलिए इन पर तुरंत प्रतिबंध लगाकर और उन्हें लात मारते हुए राजनीति से बाहर कर देना चाहिए।
फेक नेताओं के गिनाए कु-लक्षण
हिंदी सटायर को भी लीकेज में इस पत्र की एक कॉपी हाथ लगी है। इस पत्र में फेक नेताओं के 5 कु-लक्षण बताए गए हैं। हम अपने रीडर्स के लिए भी 5 कु-लक्षण बता रहे हैं ताकि वे सतर्क रहें और ऐसे कु-लक्षण वाले नेताओं को देखते हुए उन्हें लात मारकर भगा सकें।
कु-लक्षण 1 : जैसी कथनी, वैसी करनी
ये वे होते हैं, जो जैसा बोलते हैं, वैसा करते हैं। इनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होता। ये ईमानदारी की न केवल बात करते हैं, बल्कि खुद ईमानदार भी होते हैं।
कु-लक्षण 2 : धर्म और जातिवाद से परे
ये नेता वोट लेने के लिए न धर्म का सहारा लेते हैं और न जाति का। इन्हें अक्सर चुनाव का टिकट भी नहीं मिलता। गाहे-बगाहे अगर टिकट मिलता भी है तो जीतते नहीं हैं। मौजूदा राजनीति के लिए ये सबसे घातक हैं।
कु-लक्षण 3 : भाई-भतीजावाद पर भरोसा नहीं
ये नेता समाज सेवा की इच्छा से राजनीति करते हैं। ये न अपने बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाते हैं, न अपने रिश्तेदारों को। अपने उत्तराधिकारी का चयन मेरिट के आधार पर करते हैं।
कु-लक्षण 4 : कमीशनखोरी से परहेज
ये इन नेताओं का सबसे बड़ा कु-लक्षण है। ये कमीशनखोरी से परहेज कर नेतागिरी के पावन उद्देश्य को ही डिफिट कर देते हैं। ऐसे नेता न केवल खुद के, बल्कि पूरी भारतीय राजनीति पर कलंक के समान होते हैं।
कु-लक्षण 5 : संस्कार पैदाइशी इनबिल्ट
ऐसे फेक नेताओं के मुंह पर अपने विरोधियों के लिए भी सम्मान का भाव रहता है। ये कोई गाली-गलौज नहीं करते। संस्कार नामक अवगुण इनमें पैदाइशी इनबिल्ट होता।
सरकार ने पूछा, ऐसे नेता हैं कहां?
नेताओं की सर्वदलीय समिति के पत्र के जवाब में सरकार ने पूछा है कि ऐसे नेता हैं कहां? सरकार ने कहा कि हमें तो ये न किसी सरकार में नजर आते हैं, न किसी पार्टी में प्रमुख पदों पर। अगर दो-चार कहीं होंगे भी इधर-उधर कोने में पड़े होंगे। हमें इसकी चिंता में दुबले नहीं होकर राष्ट्रहित में जुटे रहना चाहिए।
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गुरुवार, 30 अगस्त 2018
Humor : कौन लिखता है राहुल गांधी के भाषण? जांच में हुआ खुलासा
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। यह सवाल पिछले कई दिनों से पूछा जा रहा था कि आखिर राहुल गांधी के भाषण लिखता कौन है? अर्णब गोस्वामी ने भी पिछले दिनों यह कहकर पूरे देश में माहौल गर्म कर दिया था कि ‘नेशन वांट्स टू नो हू राइट्स फॉर द राहुल’। अर्णब के इस सवाल के बाद से ही सरकार भारी दबाव में थी। आखिरकार सरकार ने पता लगा ही लिया कि राहुल के भाषण कौन लिखता है। इसके लिए जांच एजेंसी सीबीआई तक की मदद ली गई।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी खुद ही अपने भाषण लिखते हैं। इसका खुलासा तब हुआ, जब सरकार के मौखिक आदेश पर सीबीआई ने राहुल के भाषण लिखने के तीन संदिग्ध आरोपियों को पकड़ा। ये तीनों पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर जोक्स पोस्ट किए जा रहे थे। लेकिन सीबीआई की कस्टडी में इन्होंने स्वर्गीय जसपाल भट्टी की कसम खाकर कहा कि उनके इत्ते बुरे दिन नहीं आए। वे राहुल के लिए भाषण लिख ही नहीं सकते। राहुल खुद अपने भाषण लिखते हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अफसर ने हिंदी सटायर से कहा, “हम भी निरे मूर्ख निकले। हमने यह क्यों नहीं सोचा कि राहुल खुद भी तो अपने भाषण लिख सकते हैं। और जिस तरह के भाषण वे पढ़ रहे हैं, उससे तो हमें पहले ही यकीन हो जाना चाहिए था कि अपने भाषण खुद राहुल ही लिख रहे होंगे।”
पीडी ने भी पुष्टि की :
राहुल अपने भाषण खुद लिखते हैं, इसकी पुष्टि करने के लिए सीबीआई ने कल रात तो पीडी (राहुल के पालतू डॉगी) से भी एक घंटे तक पूछताछ की। पीडी का नाम तब सुर्खियों में आया था जब राहुल ने कहा था कि पीडी ही उनके ट्विट्स पोस्ट करता है। एक घंटे की पूछताछ में पीडी ने कहा कि राहुल भैया के जोरदार भाषण दो ही लोग तैयार कर सकते हैं – या तो मैं या राहुल भैया खुद। मैं कर नहीं रहा हूं तो समझ जाइए कि कौन तैयार कर रहा है।
#rahul_gandhi #rahul_jokes #political_satire #satire #humor
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शनिवार, 25 अगस्त 2018
Humor : अय्यर की कांग्रेस में वापसी से राहुल ने ली राहत की सांस, पर सिद्धू हुए नाराज
कांग्रेस की केंद्रीय अनुशासन समिति के फैसले का स्वागत करते अय्यर व राहुल। |
हिंदी सटायर डेस्क। कांग्रेस में मणिशंकर अय्यर की वापसी से राहुल गांधी ने राहत की सांस ली है। उन्हाेंने अपने कुछ करीबियों को धीरे से आंख मारकर कहा – अब मैं कांग्रेस को हरवाने की जिम्मेदारी से मुक्त होकर कुछ दिनों के लिए नानी के घर जा सकूंगा। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि अगर अय्यरजी को वापस ही लाना था तो फिर मेरे द्वारा पाक सेनाध्यक्ष को गले लगाने का क्या मतलब निकला।
दिसंबर 2017 में कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर ‘नीच’ कहने पर निलंबित कर दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने मणिशंकर की जिम्मेदारी शशि थरूर को सौंप दी थी। थरूर ने भी आते ही अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलाने के लिए कहा था कि अगर 2019 में बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब होती है तो देश ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जाएगा।
सिद्धू हुए नाराज :
कांग्रेस अनुशासन समिति के इस फैसले से सिद्धू काफी नाराज बताए जाते हैं और पाकिस्तान से लौटने के बाद से ही लगातार गुस्से में खुद ही ताली ठोंके जा रहे हैं। उनके एक करीबी ने समझाया भी कि खुद ताली मत ठोंको, नहीं तो लोगों को लगेगा कि कपिल का शो बंद होने के बाद पाजी ने कोई और काम शुरू कर दिया है।
इस पर सिद्धू ने फिर ताली ठोंकते हुए कहा, “गुरु, ये तो गलत बात है। पहले ही बता देते कि अय्यरजी की वापसी हो रही है तो मैं पाकिस्तान आर्मी चीफ के गले तो नहीं लगता। मैं तो पाकिस्तान गया ही इसलिए था कि अय्यरजी की जगह ले सकूं। अब मैं न इधर का रहा, न उधर का। इसीलिए तो तालियां ठोंके जा रहा हूं…। तुम भी ठोंको ताली, काम ही क्या बचा अब स्साला ..।”
#rahulgandhi #jokes_on_rahul_gandhi #political_satire #humor
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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018
Humor : सलमान को सजा की खबर सबसे पहले किसने ब्रेक की, कोर्ट कल से करेगी सुनवाई
हिंदी सटायर डेस्क। हिरण शिकार मामले में सलमान खान को 5 साल की सजा हो गई है। लेकिन अब टीवी चैनल इस बात में उलझे हुए हैं कि यह खबर सबसे पहले किसने दिखाई। यह तय करने के लिए कोर्ट कल से इस मामले की सुनवाई शुरू करेगा।
सलमान को सजा की घोषणा होते ही सभी चैनल हमेशा की तरह ब्रेकिंग न्यूज के चक्कर में इतने ज्यादा ज्यादा पगला गए कि इस अफरातफरी में चार चैनलों के रिपोर्टर्स और एक कैमरामैन के सिर भी फूट गए। इसको देखते हु विश्नोई समाज के वकीलों ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोर्ट को पहले इस बात का निपटारा कर लेना चाहिए कि आखिर खबर ब्रेक किसने की। हिरण न्याय के लिए वेट कर सकते हैं।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि सलमान खान के वकीलों ने भी कहा है कि कोर्ट पहले यह तय कर लें कि खबर किसने ब्रेक की। जमानत अर्जी पर तो सुनवाई बाद में भी हो जाएगी। सलमान भाई दो-चार दिन जेल की रोटियां खा भी लेंगे तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। लेकिन अगर यह तय नहीं हो पाएगा कि सलमान की खबर ब्रेक किसने की तो राष्ट्रीय संकट पैदा हो सकता है।
इस बीच, इंडिया टीवी के वकील ने दावा किया है कि नतीजा उनके पक्ष में ही आएगा, क्योंकि भले ही चैनल ने सलमान को 2 साल की सजा मिलने की गलत खबर चलाई, लेकिन सबसे पहले चलाई तो उन्होंने ही। बाकी चैनलों ने ऐसा नहीं किया तो इसमें इंडिया टीवी की क्या गलती?
#salman_khan #humor #jokes_salman #satire
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बुधवार, 24 जनवरी 2018
Humor : करणी सेना की धमकी के बाद ‘हिम्मतवाला’ और ‘हमशकल्स’ के पोस्टर्स की मांग बढ़ी, जानिए क्यों?
हिंदी सटायर डेस्क। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 जनवरी को देशभर में पद्मावती उर्फ पद्मावत को रिलीज करने की अनुमति देने और करणी-सेना की धमकियों के बाद अचानक से साजिद खान की दो फिल्मों – हिम्मतवाला और हमशकल्स के पोस्टर्स की मांग बढ़ गई है। यह मांग देशभर के सिनेमाघरों की ओर से आई है। इससे करणी सेना के सैनिकों में भी अफरातफरी का आलम है। कई करणी सैनिकों ने पोस्टर्स की मांग को देखते हुए सिनेमाघरों पर हमला करने वाली लिस्ट में से अपने नाम कटवा लिए हैं।
हिम्मतवाला और हमशकल्स के पोस्टर्स की क्यों बढ़ी मांग?
हिंदी सटायर की टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो मजेदार कारण सामने आया। दरअसल, करणी सेना ने धमकी दी है कि अगर सिनेमाघरों में पद्मावत मूवी चलाई गई तो उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे। चूंकि सिनेमाघर के मालिक इतनी बड़ी कमाई वाली मूवी को चलाने का लोभ छोड़ना नहीं चाहते। इसलिए उन्होंने करणी सेना के लोगों को डराने के लिए यह चाल चली है। इसके तहत सभी सिनेमाघरों के बाहर हिम्मतवाला या हमशकल्स मूवीज के पोस्टर लगा दिए जाएंगे। सिनेमाघर के मालिकों को उम्मीद है कि इन पोस्टर्स को देखकर करणी सेना वालों को लगेगा कि सिनेमाघरों में हिम्मतवाला या हमशकल्स चल रही है। इससे वे इस डर से थिएटरों के सामने फटकेंगे भी नहीं कि क्या पता उन्हें ये मूवी देखने के लिए बिठा लिया जाए और आधी मूवी के दौरान ही उन्हें जौहर करना पड़े। जैसे भी हैं, आखिर वे भी इंसान ही हैं।
करणी-सेना ने क्या कहा?
सिनेमाघरों की इस नई चाल से करणी सेना डिफेंसिव मूड में आ गई है। करणी सेना के एक प्रवक्ता ने कहा – “सिनेमाघरों के मालिक हिम्मतवाला/हमशकल्स के पोस्टर लगाने की प्लानिंग करके नीचता पर उतर आए हैं। उन्हें पता है कि हमारे लोग अब सिनेमाघरों के आसपास फटकेंगे भी नहीं। लेकिन इसका बदला हम अगली किसी फिल्म के समय लेंगे। देखते हैं पोस्टर्स कब तक उनकी रक्षा करते हैं।” इतना कहते ही प्रवक्ता यह कहते हुए भाग निकला कि है मैया पद्मिनी, हमें इन पोस्टर्स को सहन करने की शक्ति देना।
#Karni-Sena #padmavat #satire
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बुधवार, 20 दिसंबर 2017
Funny : राहुल के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से बदल जाएंगी ये 5 चीजें, आप भी जानिए
By A. Jayjeet
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया। इसके साथ ही कांग्रेस में राहुल युग की शुरुआत हो गई। ह्यूमर वर्ल्ड के राजनीतिक विश्लेषक बेचैन ढींगामस्ती ने अपना विश्लेषण कर बताया कि राहुल के आने के बाद कांग्रेस में क्या 5 चीजें बदल जाएंगी। आप भी पढ़िए :
1. कांग्रेस पिछले 19 साल से जिन पादुकाओं को पूजते आए थे, उनका आकार बदल जाएगा। सोनिया गांधी 7 नंबर की पादुका पहनती हैं। राहुल गांधी 8 नंबर की पादुका पहनते हैं। तो इस तरह पादुका का एक नंबर बढ़ जाएगा। कांग्रेसियों को पादुका और भी स्पष्ट नजर आएगी। ताे पूजा करने में और भी आसानी रहेगी।
2. पहले नियम था – ‘अगर कांग्रेस कोई भी चुनाव जीतेगी को उसका श्रेय सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिया जाएगा, हार का श्रेय अन्य नेताओं व सामान्य कार्यकर्ताओं को।’ अब नियम बदलकर इस तरह हो जाएगा – ‘अगर कांग्रेस कोई भी चुनाव जीतेगी को उसका श्रेय राहुल गांधी और सोनिया गांधी को दिया जाएगा, हार का श्रेय अन्य नेताओं व सामान्य कार्यकर्ताओं को।’
3. राहुल गांधी अब युवा से वरिष्ठ नेता बन जाएंगे। कांग्रेस के संविधान के तहत एक नियम पारित होगा जिसके अनुसार राहुल को अब ‘राहुल भैया’ की जगह ‘राहुल बड़े भैया’ कहा जाएगा।
4. उन्नीस साल पहले सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस के संविधान में ‘चम्मच’ शब्द को ‘स्पून’ किया गया था क्योंकि उन्हें ‘चम्मच’ को प्रोनाउंस करने में दिक्कत होती थी। अब राहुल के हिंदी में कंफर्टेबल होने के कारण ‘स्पून’ को फिर से ‘चम्मच’ कर दिया जाएगा।
5. कांग्रेस में ‘राहुल ब्रिगेड’ का नाम बदलकर ‘राहुल फायर ब्रिगेड’ रख दिया जाएगा। यह ब्रिगेड बीजेपियों द्वारा लगाई गई आग को देशभर में घूम-घूमकर बुझाने का काम करेगी।
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रविवार, 10 दिसंबर 2017
Humor : मणिशंकर को कांग्रेस ने पार्टी से निकाला, फूट-फूटकर रो रहे हैं अमित शाह
By A. Jayjeet
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी को ‘नीच’ कहकर उनका अपमान करने वाले मणिशंकर अय्यर को कांग्रेस ने पार्टी से बाहर क्या निकाला, बीजेपी की सांसें फूल गई हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह तो कल रात से ही रोए जा रहे हैं। मोदी भी उन्हें ढांढस बनाने पहुंचे और कहा कि कोई बात नहीं, हम दूसरा ‘मणिशंकर’ ढूंढ लेंगे।
कांग्रेस के (पूर्व) फ्रीलांसर नेता मणिशंकर (Mani-Shankar) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री के बारे में कहा था, ‘यह आदमी नीच किस्म का है। इसमें सभ्यता नहीं है।’ मणिशंकर अय्यर की जुबान पर गोपनीय रूप से सेंसर लगाए बैठी बीजेपी की आईटी टीम तक जैसे ही ये शब्द पहुंचे, उन्होंने इन्हें अमित शाह तक ट्रांसफर कर दिया। सूत्र ने बताया कि अमितजी ये सुनते ही उछल पड़े। मन ही मन बड़बड़ाए- वाह बेटा, क्या गोल मारा! फिर उन्होंने सूरत में सभा करने जा रहे मोदी को फोन लगाकर कहा – नरेंद्र भाई, अय्यर फिर फूट पड़ा है। इसके बाद उन्होंने मोदी को अय्यर का वह पूरा बयान सुनाया। उधर से मोदीजी का जवाब आया- वेल डन। लगे रहो अमित भाई।
ज्यादा अंडों के चक्कर मुर्गी ही मार डाली…
Mani-Shankar के इस बयान पर मोदी सहित बीजेपी ने इतनी हाय-तौबा मचाई कि कांग्रेस बैकफुट पर आ गई। राहुल गांधी ने पहले मणिशंकर अय्यर को माफी मांगने को कहा। फिर बाद में देर रात को उन्हें पार्टी से निकाल दिया। अय्यर को कांग्रेस से बाहर निकाले जाने की खबर जैसे ही बीजेपी को मिली, पार्टी की जान हलक में आ गई। अमित शाह तो जैसे सदमे में चले गए। पार्टी दफ्तर में जाकर पहले धीरे-धीरे और फिर फूट-फूटकर रोने लगे। बार-बार एक ही बात बोले जा रहे थे- हाय, हमने ये क्या कर डाला। सोने के ज्यादा अंडोें के लालच में पूरी मुर्गी ही हलाक करवा दी। अब अगले चुनाव कैसे जीतेंगे?
मोदी भी तुरंत बीजेपी ऑफिस पहुंचे, अमित शाह को ढांढस बंधाया…
अमित शाह के इस तरह सदमे में पहुंचने की खबर मिलते ही मोदी भी देर रात को ही पार्टी दफ्तर पहुंचे। उन्होंंने अमित शाह का मन हलका करने के लिए कहा कि गलती मेरी ही है। मैंने ही जबरदस्ती मामले तो ज्यादा तूल दे दिया। अमित शाह फिर भी नहीं रुके तो मोदी ने कहा, “चुप हो जा अमित, मैं खुद कांग्रेस के पास जाकर माफी मांग लूंगा और उनसे कहूंगा कि गलती किससे नहीं होती। हमसे भी हो गई। वे मणिशंकर को वापस रख लेंगे।” फिर उत्साह बढ़ाते हुए कहा, “और वापस नहीं लिया तो भी कोई बात नहीं। हम कांग्रेस में ही कोई दूसरा मणिशंकर ढूंढ लेंगे। वहां कोई कमी है क्या?”
#ManiShankar #AmitShah #Political_satire #satire #Humor
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