हिंदी सटायर डेस्क। असम और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में यूज की गई ईवीएम इस समय बंद दरवाजों के पीछे आराम फरमा रही हैं। लेकिन उनमें एक अजीब-सी बेचैनी भी है। हिंदी सटायर ने ऐसी ही एक बेचैन और परेशान ईवीएम से बात करने की कोशिश की। नाम न छापने की शर्त पर वह इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गई। पेश है उस इंटरव्यू के कुछ खास अंश :
हिंदी सटायर : कुछ घंटे बचे हैं। कैसा फील हो रहा है? कुछ नर्वसनेस?
EVM : हां भैया, बहुत बेचैनी है, घबराहट फील हो रही है।
हिंदी सटायर : क्यों?
EVM : क्यों क्या? अगर किसी के चाल-चलन पर लगातार शक किया जाए तो क्या अच्छा लगेगा? अगर आपकी बहन-बेटी को कोई कुलक्षणी कहेगा तो क्या आपको अच्छा लगेगा?
हिंदी सटायर : पर आपको ऐसा क्यों लग रहा है कि लोग आपके कैरेक्टर पर सवाल उठा रहे हैं?
EVM : अरे भाई, अब तो यह हर चुनाव की बात हो गई है। एक पार्टी के लोग हारते नहीं कि दूसरी पार्टी के लोगों पर आरोप लगा देते हैं कि उन्होंने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की। कभी आरोप लगाते हैं कि चुनाव आयोग के लोग मिलकर हमारे साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। ये क्या है? ये एक तरह से हमारे कैरेक्टर पर ही उंगली उठाना हुआ। मतलब तो यही हुआ ना कि वे छेड़ रहे हैं और हम छिड़ रही है। इसकी आड़ में लोग हमें कुलक्षणी तक बोल रहे हैं!
हिंदी सटायर : तो आप मौका ही क्यों देती है छेड़छाड़ का?
EVM : यह पुरुष प्रधान समाज है। भले ही महिला की गलती हो या न हो, इज्जत तो उसी की उतारी जाती है। इसलिए मेरा कहना है कि कोई भी आरोप लगाने से पहले सच्चाई तो पुख्ता कर लो कि वाकई किसी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई भी या नहीं। अगर किसी ने किसी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की भी तो छेड़छाड़ करने वाले को पकड़ो। पूरी ईवीएम बिरादरी पर उंगली उठाना कहां का न्याय है?
हिंदी सटायर : नतीजों के बारे में क्या कहना है?
EVM : भाई, अब बाकी की बातें बाद में करेंगे। अब तुम जाओ, किसी ने देख लिया तो तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा। हमें ही ताने दिए जाएंगे कि चालू ईवीएम किस गैर मर्द के साथ नजरें लड़ा रही थीं।
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