By Jayjeet
ऑक्सीजन बहुत तेजी में थी, फिर भी रिपोर्टर ने उसे पकड़ ही लिया...
रिपोर्टर : इतनी तेजी में कहां भाग-दौड़ कर रही हों?
ऑक्सीजन : रिपोर्टर होकर कुछ ना पता?
रिपोर्टर : मालूम है। आपकी बड़ी डिमांड है। इसीलिए तो आपके पास आया हूं।
ऑक्सीजन : तो अपनी ब्रेकिंग के चक्कर में मेरा रास्ता ना रोको। कोशिश कर रही हूं कि मैं जितनी ज्यादा से ज्यादा लोगों के काम आ सकूं।
रिपोर्टर : इंसान वही जो इंसान के काम आ सके। अब तो कहना पड़ेगा, ऑक्सीजन वही जो इंसान के काम आ सके...
ऑक्सीजन : नेताओं के पास से आ रहे हो? घटिया जुमले छोड़ो, मैं जुमलेबाजी में नहीं, काम में विश्वास करती हूं।
रिपोर्टर : पर आप क्यों परेशान हो रही हो? लोगों को ऑक्सीजन देना तो सरकार का काम है।
ऑक्सीजन : और सरकार ना करे तो? तो लोगों को ऐसे ही मर जाने दूं? अपने आखिरी कतरे तक मैं लोगों को जिलाती रहूंगी।
रिपोर्टर : पर सरकार की भी कुछ मजबूरी रही होगी। कोई यूं ही बेवफ़ा नहीं होता...
ऑक्सीजन : दो-चार शेर पढ़कर भी कोई यूं ही बड़ा रिपोर्टर ना बन जाता। वैसे सरकार की तरफदारी आप क्यों कर रहे हो? कुछ आपकी भी मजबूरी रही होगी... अब जाऊं मैं..?
रिपोर्टर : बस आखिरी सवाल। चुनाव वाली जगहों में आपकी जरूरत क्यों नहीं पड़ रही?
ऑक्सीजन : तो लो मेरी ओर से ब्रेकिंग न्यूज- क्योंकि वहां अभी तो सबको राजनीति की ऑक्सीजन चढ़ी हुई है। चुनाव बाद भगवान बचाएं...
और ऑक्जीन वहां से तुरंत कट ली...
# Oxygen
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