भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोनावायरस की चपेट में आ गए हैं। पर जैसा कि सभी जानते हैं कि शिवराज जी एक जमीनी नेता हैं और वे किसी से भी कनेक्ट होने का कोई मौका नहीं छोड़ते। तो इलाज के लिए चिरायु हॉस्पिटल के वीआईपी बेड पर बैठे-बैठे उन्होंने कोरोना से ही बात करनी शुरू कर दी।
शिवराज : हमारी संस्कृति मेहमानों का स्वागत करने की रही है। पहले हमने सिंधियाजी के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाए, अब आपका स्वागत करने मैं खुद आया हूं।
कोरोना : आप तो हमें शर्मिंदा कर रहे हैं। आप हम जैसे छोटे वायरसों से बात कर रहे हैं, हमारे लिए तो यही बड़ी बात है।
शिवराज : देखिए, हमारे राज में कोई छोटा, कोई बड़ा नहीं है। आप तो कमलनाथ जी के जमाने से मप्र में हो। देख ही रहे हो कि कैसे हमने छोटे से सिंधिया गुट के लोगों को भी हमारे बराबर जगह दी। जितने हमारे मंत्री, उतने ही सिंधियाजी के मंत्री।
कोरोना : जैसा आपके बारे में सुना, बिल्कुल वैसे ही निकले आप। इसीलिए आपसे मिलने चला गया। लेकिन माफी चाहूंगा, इस चक्कर में आपको संकट में डाल दिया।
शिवराज : संकट की चिंता मत कीजिए। जैसा कि मोदीजी ने कहा, हम तो आपदा को अवसर में बदलने वाले लोग हैं। देखा नहीं, हम कैसे कांग्रेस में फंसे आपदाग्रस्त विधायकों को हमारी पार्टी में लाकर उनके लिए अवसर पैदा कर रहे हैं।
कोरोना : मुझे सोशल मीडिया पर पता चला कि लोग आपकी इस बात की निंदा कर रहे हैं कि आप सरकारी हमीदिया हॉस्पिटल में भर्ती होने के बजाय प्राइवेट हॉस्पिटल चिरायु में भर्ती हो गए।
शिवराज : लोगों का काम है कहना। अगर हम हमीदिया में भर्ती होते तो लोग कहते कि देखो गरीबों के लिए बने हॉस्पिटल में भर्ती होकर एक मुख्यमंत्री ने गरीबों का हक मार दिया। हम हमीदिया में जाते तो वहां का स्टॉफ हमारी तिमारदारी में लग जाता, जिससे वहां भर्ती होने वाले गरीब-गुर्गों का प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं हो पाता। उनकी खातिर ही हमने प्राइवेट हॉस्पिटल को चुना।
कोरोना : आप हम जैसे वायरसों के लिए क्या कुछ संदेश देना चाहेंगे?
शिवराज : देखिए, मैं इस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और इसलिए मुझे सबकी चिंता होनी चाहिए। आप जिस तरह से नेताओं में घुसपैठ कर रहे हैं, उससे मुझे आप लोगों की चिंता हो रही है। हम नेताओं की जितनी चमड़ी मोटी होती है, उतनी ही मोटी इम्युनिटी भी। हम तो आप लोगों को झेल जाएंगे। पर आप हमें झेल पाओगे, इसको लेकर मुझे डाउट है।
कोरोना : जी बिल्कुल, हमसे ये गलती तो हो रही है। अब मैं आपको राज की एक बात बताता हूं। जब हम चीन से चले थे तो हमें एक गाइडलाइन दी गई थी। इसमें हमसे कहा गया था कि हम भारत में नेताओं से दूर ही रहे। पर गाइडलाइन तो होती ही है ना तोड़ने के लिए। तो हमने भी तोड़ दी...
शिवराज : बिल्कुल, वैसे ही जैसे हमारे यहां के लोग भी तुमसे बचने के लिए बनाई गई गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अच्छा, जरा मैं आराम कर लूं, फिर फुर्सत में बात करेंगे...
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