नेताओं की एक प्रजाति पर छपा कवर पेज। |
जयजीत अकलेचा/Jayjeet Aklecha
जानी-मानी पत्रिका ‘नेचर’ में भारत की राजनीतिक प्रजाति के लोगों पर बड़ा ही दिलचस्प शोध-पत्र प्रकाशित हुआ है। इसमें पिछले बीस साल के दौरान राजनीतिक प्रजाति के 3 लाख 99 हजार 999 नेताओं के उस दावे या घोशणा की पड़ताल की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा या वैसा हो गया तो वे राजनीतिक जीवन छोड़ देंगे अर्थात राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस रिपोर्ट में जो दिलचस्प तथ्य निकलकर आया है, वह यह है कि इन 3 लाख 99 हजार 999 नेताओं में से एक ने भी राजनीति से संन्यास नहीं लिया। अब अहमद पटेल 4 लाखवें नेता हो गए हैं, जिन्होंने एलान किया है कि अगर उनकी मोदी से दोस्ती की बात साबित हो जाती है तो वे राजनीतिक जीवन छोड़ देंगे।
इस बीच, भाजपा के एक वरिश्ठ नेता ने दावा किया है कि उनके हाथ एक बड़ा तथ्य लगा है। इसके अनुसार कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी ने अहमद पटेल को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी, जो पटेल ने तुरंत एक्सेप्ट कर ली थी। इस पर पटेल की टिप्पणी प्राप्त नहीं हो सकी है, लेकिन उनके एक करीबी का कहना है कि पटेल ने गुजरात दंगों के बाद उसे ‘अनफ्रेंड’ कर दिया था।
जांच दल गठित: गुजरात के महिला जासूसी मामले के बाद केंद्र सरकार ने एक और जांच दल गठित करने का फैसला किया है। यह दल इस बात की जांच करेगा कि नरेंद्र मोदी ने अपनी मित्रता स्वीकार करने के लिए अहमद पटेल पर कितना दबाव बनाया। सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा है कि इसके लिए आयोग को दो बिंदुओं पर जांच करने के लिए कहा गया है। एक, नरेंद्र मोदी ने अहमद पटेल को कितनी बार फोन किए। दूसरा, फेसबुक पर मोदी ने कितनी बार पटेल को फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजी। माना जा रहा है कि सरकार ने जांच के बाद मोदी पर अहमद पटेल को प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करने का मन बना लिया है।
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