शुक्रवार, 5 जून 2020

बारिश में अधिक से अधिक भीगे अनाज, सरकारी महकमे ने की पूरी तैयारी



By Jayjeet

हिंदी सटायर डेस्क। मानसून की आहट सुनते ही मप्र सरकार ने मंडियों में रखी उपज के भीगने के पूरे इंतजाम कर लिए हैं। सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल 20 फीसदी अनाज अधिक भीगना चाहिए। ऐसा न होने पर उनके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। इस बीच, कई इलाकों में निसर्ग तूफान के असर के कारण हुई पहली ही बारिश में मंडी प्रांगण में रखे अनाज के भीगने से सरकारी खेमे में उल्लास की लहर है।

मप्र में कई इलाकों में जून के पहले पखवाड़े में मानसून के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। इस संबंध में कृषि विभाग के एक सीनियर अफसर ने हिंदी सटायर से खास बातचीत में कहा, “हर बार की तरह इस बार भी हम अनाज को मानसूनी बारिश में भिगोने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वैसे तो हमने इस तरह की चाक-चौबंद व्यवस्था कर रखी है कि खरीदा गया या किसानों द्वारा बेचने के लिए लाया गया अनाज बिल्कुल नैचुरली खुले में ही पड़ा रहे। फिर भी अगर कहीं गलती से अनाज को सुरक्षित रख दिया गया है तो उसे जल्दी ही मानसून दिखाने के लिए खुले में ले लाएंगे।”

उन्होंने कहा, “सारे संबंधित अफसरों को अधिक से अधिक अनाज और उपज को मानसूनी बारिश में भिगोने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद अगर किसी मंडी या सरकारी गोदाम में अनाज सुरक्षित पाया जाता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

20 फीसदी अधिक का टारगेट :
प्यून को पान-बहार लाने का निर्देश देने के बाद अधिकारी ने बताया कि अब सरकार भी प्राइवेट सेक्टर्स की तरह टारगेट बेस्ड काम करने लगी है। इस बार पूरे प्रदेश में अनाज के भीगने का लक्ष्य पिछली बार की तुलना में 20 फीसदी अधिक दिया गया है। उम्मीद है कि हम इसके आसपास रहेंगे।

यह पूछे जाने पर कि इतना प्रगतिशील राज्य होने के बावजूद मप्र अब तक 100 फीसदी लक्ष्य हासिल क्यों नहीं कर पाया? इस सवाल पर सीनियर अफसर ने धीरे से कहा, “प्रदेश में अब भी ऐसे कई भ्रष्ट अधिकारी हैं जो गोदाम में रखे अनाज को मानसून या चूहों से बचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन सरकार ऐसे अफसरों पर नजर रखे हुए हैं। हम जल्दी ही ऐसे अफसरों को चिह्नित कर उन्हें उन विभागों में भेजने की कार्रवाई करेंगे जहां केवल मक्खी मारने का काम होगा। ये अफसर इसी तरह का काम करने के लायक हैं।”


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More and more food grains got soaked in rain, the government department made complete preparations

On hearing the monsoon call, the MP government has made full arrangements to get the produce kept in the mandis wet. The government has instructed all concerned authorities that 20 percent more food grains should be drenched this year than last year. Failure to take strict departmental action against them has been given. Meanwhile, in the first rains caused by the impact of the storm in many areas, there is a wave of gaiety in the government camp due to the soaking of food grains kept in the mandir premises.

The monsoon is predicted to reach the state in the first fortnight of June in many areas in MP. In this regard, a senior officer of the Agriculture Department said in a special conversation with the Hindi story, "Like every time, this time also we are fully prepared to soak the grains in monsoon rains. By the way, we have made such a round-the-clock arrangement that the grain purchased or brought for sale by the farmers will be kept in the open naturally. However, if the grain has been kept safe by mistake, then it will soon be brought out in the open to show the monsoon. ”

He said, "All concerned officers have been given strict instructions to soak as much grain and yield in monsoon rains. Despite this, if the grain is found safe in any market or government warehouse, strict action will be taken against the officials concerned. ”

20 percent higher target:

After giving instructions to bring Poon to Pan-Bahar, the official said that now the government has started working on target-based work like private sectors. This time, the target of wetting of food grains has been given 20 percent more than the last time. Hopefully we'll be around it.

When asked why despite being such a progressive state, Madhya Pradesh has not been able to achieve 100 percent target so far? On this question, the senior officer said softly, “There are still many corrupt officials in the state who try to protect the grain kept in the godown from monsoon or mice. But the government is keeping an eye on such officers. We will soon take action to identify such officers and send them to the departments where only fly will be done. These officers deserve to do similar work."

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