(Disclaimer : असत्य घटना पर आधारित, पर देश के कोने-कोने में इसके सत्य होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता… )
एक बंदा एग्जाम की तैयारी करता प्रतीत हो रहा था। छह महीने तक करता रहा। पर रिजल्ट आया जीरो बंटे सन्नाटा।
मैं – छह माह तक क्या किया? पास क्यों न हो सके?
वह – जी, एग्जाम की तैयारी ना कर सका।
मैं – क्यों?
वह – टाइम ही ना मिल सका।
मैं – टाइम क्यों ना मिला?
वह – सारा टाइम तो टाइम मैनेजमेंट कैसे करें, इसकी किताबें पढ़ने और वीडियो देखने में ही चला गया।
मैं – ओहो। तो अब आगे क्या प्लानिंग है?
वह – फेल होने पर हम खुद को मोटिवेट कैसे करें, इस पर जरा स्टडी कर रहा हूं। इसके बाद कुछ प्लानिंग ..
मॉरल ऑफ द स्टोरी उर्फ ज्ञान… : हमारे यहां मोटिवेशनल गुरु अगर इतने कूद-कूदकर सफल हुए जा रहे हैं तो इसमें उन बेचारों को दोष मत दीजिए।
(खबरी व्यंग्य पढ़ने के लिए आप हिंदी खबरी व्यंग्यों पर भारत की पहली वेबसाइट http://www.hindisatire.com पर क्लिक कर सकते हैं।)
Google Translate :
Satire: Time Miss-Management!
(Disclaimer: Based on untrue incident, but the possibility of its being true in every corner of the country cannot be denied…)
A man seemed to be preparing for the exam. He did it for six months. But the result came zero split.
What did I do for six months? Why not pass it?
He could not prepare for the exam.
Why should I?
He could not get time.
Why didn't I get time?
He spent all his time reading books and watching videos of how to manage time.
I - oh. So what is planning now?
He - I am studying a little bit on how to get yourself motive in case of failure. After this some planning ..
Moral of the Story aka Gyan…: If the Motivational Gurus are succeeding so much in our jumps, then do not blame those ill-informed people.
एक बंदा एग्जाम की तैयारी करता प्रतीत हो रहा था। छह महीने तक करता रहा। पर रिजल्ट आया जीरो बंटे सन्नाटा।
मैं – छह माह तक क्या किया? पास क्यों न हो सके?
वह – जी, एग्जाम की तैयारी ना कर सका।
मैं – क्यों?
वह – टाइम ही ना मिल सका।
मैं – टाइम क्यों ना मिला?
वह – सारा टाइम तो टाइम मैनेजमेंट कैसे करें, इसकी किताबें पढ़ने और वीडियो देखने में ही चला गया।
मैं – ओहो। तो अब आगे क्या प्लानिंग है?
वह – फेल होने पर हम खुद को मोटिवेट कैसे करें, इस पर जरा स्टडी कर रहा हूं। इसके बाद कुछ प्लानिंग ..
मॉरल ऑफ द स्टोरी उर्फ ज्ञान… : हमारे यहां मोटिवेशनल गुरु अगर इतने कूद-कूदकर सफल हुए जा रहे हैं तो इसमें उन बेचारों को दोष मत दीजिए।
(खबरी व्यंग्य पढ़ने के लिए आप हिंदी खबरी व्यंग्यों पर भारत की पहली वेबसाइट http://www.hindisatire.com पर क्लिक कर सकते हैं।)
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Satire: Time Miss-Management!
(Disclaimer: Based on untrue incident, but the possibility of its being true in every corner of the country cannot be denied…)
A man seemed to be preparing for the exam. He did it for six months. But the result came zero split.
What did I do for six months? Why not pass it?
He could not prepare for the exam.
Why should I?
He could not get time.
Why didn't I get time?
He spent all his time reading books and watching videos of how to manage time.
I - oh. So what is planning now?
He - I am studying a little bit on how to get yourself motive in case of failure. After this some planning ..
Moral of the Story aka Gyan…: If the Motivational Gurus are succeeding so much in our jumps, then do not blame those ill-informed people.
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