शनिवार, 14 जून 2014

पाकिस्तान ने सीमा पर की भारी फूलबारी

- रिहाइशी इलाकों में कमल के फूल गिरने से कई नागरिकों के इमोशनली हताहत होने की खबर
- पाकिस्तान सेना ने इस घटना के दिए इंटरनल जांच के आदेश

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
भारतीय सेना द्वारा बरामद असला।

जम्मू। पाकिस्तान ने शनिवार सुबह एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन सीमा पर तैनात भारतीय सैनिक उस समय आश्चर्यचकित रह गए, जब उन्हें अपनी ओर फूल आते हुए दिखे। कश्मीर के रजौरी, पुंछ और मेंढर सेक्टरों में करीब तीन घंटे तक फूलबारी चलती रही। इस घटना से परेशान पाकिस्तान सेना ने मामले की इंटरनल जांच के आदेश दे दिए हैं।
सुबह सात बजे शुरू हुई यह फूलबारी दस बजे तक चलती रही। दिन में भी छिटपुट फूल इधर-उधर गिरते रहे। कमल के कई फूल रिहाइशी इलाकों मेें भी गिरे हैं, जिनसे कुछ नागरिकों के इमोशनली हताहत होने की खबर है। भारतीय सेना ने भी इस फूलबारी का जमकर जवाब दिया और चमेली व गुलाब के फूल बरसाए।
दोनों देशों के राजनयिक गलियारों में इस बात पर चर्चा है कि आखिर पाकिस्तान की तरफ से दो दिन से चल रही गोलीबारी अचानक फूलबारी में कैसे बदल गई। राजयनिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना मुख्यालय के वाॅर रूम में जाकर हालात का जायजा लिया था। इसी से पाकिस्तान को डर लगा होगा और उसने अपना पैंतरा बदल डाला। हालांकि आगे भी ऐसा चलेगा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वहां के अतिवादी तत्व इस फूलबारी पर कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं।
नवाज के लोगों ने हथियारों में डाले फूल!
इधर, पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल ने यह सनसनीखेज खुलासा करके मामले को सियासी तूल दे दिया है कि भारत के साथ संबंध सुधारने की बदनियत से वजीरे-आजम नवाज शरीफ ने ही अपने कुछ खास लोगों की मदद से सीमा पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों की बंदूकों और मोर्टार में गोला-बारूद के स्थान पर फूल भरवा दिए थे। इसमें भी कमल के फूल ज्यादा थे, ताकि वे जहां भी गिरे तो अधिक से अधिक लोगों को इमोशनली हताहत कर सकें। इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए आतंकी सरगना और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने इसे पाकिस्तानी अवाम के साथ गद्दारी करार दिया है। हालांकि वहां के अमन-पसंद तबकों में इसकी अच्छी प्रतिक्रिया आई है। ‘अमन का पैगाम’ नामक संगठन के अध्यक्ष डाॅ जमालउद्दुीन ने कहा, ‘अगर यह काम नवाज शरीफ ने किया है तो हमें इसकी सराहना करनी चाहिए। मुझे तो आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि आखिर शरीफ साहब में इतनी हिम्मत कहां से आ गई। जो भी हुआ, अच्छा संकेत है।’ 
इस मामले में शरीफ सरकार के प्रवक्ता ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। उधर, पाकिस्तानी सेना के अधिकारी इस पूरे मामले की इंटरनल जांच में लग गए हैं।

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