रविवार, 29 जून 2014

जुगाड़ तकनीक के क्षेत्र में भारत शुरू करेगा अपना नोबेल पुरस्कार

हर साल 100 जुगाड़बाजों को प्रदान किए जाएंगे ये पुरस्कार

 

जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha

नई दिल्ली। देश में शोध के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के सूखे को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अपना खुद का नोबेल पुरस्कार शुरू करने का फैसला किया है। यह पहल राष्ट्रपति की उस चिंता के बाद की गई है जिसमें उन्हाेंने कहा था कि पिछले आठ दशक में देश को शोध के क्षेत्र में एक भी नोबेल नहीं मिलना  दुर्भाग्यपूर्ण है।
केंद्रीय विज्ञान मंत्रालय के अनुसार 'इंडियन नोबेल प्राइज इन जुगाड़ टेक्नोलॉजी' के नाम से शुरू होने वाले इस पुरस्कार का खाका तैयार कर लिया गया है। इसे संक्षेप में ‘नोबेल प्राइज’ ही कहा जाएगा। यह पुरस्कार हर साल उन 100 लोगों को प्रदान किया जाएगा जिन्होंने मौजूदा उपलब्ध संसाधनों से जुगाड़ कर देसी आविष्कार किए हों। इससे भारत एक झटके में ही नोबेल पुरस्कार का सूखा खत्म कर लेगा। पुरस्कार में ट्रॉफी, शॉल, श्रीफल और रेलवे में द्वितीय श्रेणी की यात्रा का पास प्रदान किया जाएगा।
मंत्रालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोबेल प्राइज कमेटी ने पिछले आठ दशकों में शोध के क्षेत्र में एक भी भारतीय को नोबेल पुरस्कार के योग्य नहीं पाया। इससे साफ जाहिर होता है कि कमेटी कितने पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कार्य करती है। कमेटी ऐसे अपात्र व अक्षम लोगों से भरी पड़ी है जिनमें भारतीयों की जुगाड़ प्रवृत्ति को परखने की क्षमता का अभाव दृष्टिगोचर होता है। हम भविष्य में इस कमेटी द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार को नकारते हुए अपना खुद का नोबेल शुरू करने की पहल कर रहे हैं। अभी इसे भारत भूमि पर होने वाले जुगाड़ तक सीमित रखा जाएगा, लेकिन भविष्य में इसमें सार्क देशों के जुगाड़ को भी शामिल करने पर विचार किया जा सकता है।

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