शुक्रवार, 13 जून 2014

न रहेगा पेड़, न लटकेगी लाश

उप्र सरकार ने राज्य के सभी ग्रामीण अंचलों में पेड़ों को काटने के दिए निर्देश


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
वाट अ आइडिया सरजी!

लखनऊ। उत्तरप्रदेश में युवतियों व छात्राओं के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर शव को पेड़ों से लटकाने की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर अखिलेश सरकार ने ग्रामीण अंचलों से सभी पेड़ों का सफाया करने का निर्देश जारी कर दिया है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे प्रदेश में हो रही ऐसी नृृशंस घटनाओं में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने यह फैसला गुरुवार रात को नई दिल्ली से लौटने के बाद तब लिया जब उन्हें बताया गया कि मुरादाबाद जिले के एक गांव में भी एक छात्रा से रेप पर उसका शव पेड़ से लटका दिया गया। पिछले दस दिन में यह ऐसी छठी घटना है, जिसमें किसी युवती का शव पेड़ से लटका मिला है। अभी केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही पेड़ काटे जाएंगे, क्योंकि सभी घटनाएं वहीं हुई हैं। लेकिन अगर ऐसी घटनाओं का विस्तार शहरों में भी होता है तो सरकार वहां भी कठोर कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।
कवि अफसर की कल्पना: सूत्रों ने बताया कि पेड़ काटने का आइडिया मुख्यमंत्री को राज्य के एक आला अफसर ने दिया। ये अफसर हिंदी के बड़े विद्वान हैं और कवि होने के नाते स्वयं को कोमल हृदय का मानते हैं। इस अफसर ने ‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी’ की तर्ज पर मुख्यमंत्री को इस बात के लिए कन्विंस कर लिया कि अगर राज्य में पेड़ ही नहीं रहेंगे तो ऐसी घटनाएं भी नहीं होंगी। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री को पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ कि राज्य में इतने काबिल अफसर भी हैं। उन्होंने इस अफसर को पुरस्कारस्वरूप आउट आॅफ टर्न प्रमोशन देने के साथ-साथ एक हफ्ते के लिए छुट्टियां बिताने ब्राजील भेज दिया है। वे वहां फुटबाॅल मैचों के साथ सांभा डांस का लुत्फ उठा सकेंगे।

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