शनिवार, 7 जून 2014

मोदी चाहते हैं ऐसा डीएनए जो झुकने ही न दे

वैज्ञानिकों के अनुसार नेताओं में ऐसे कृत्रिम डीएनए का प्रत्यारोपण नामुमकिन


जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha



नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जेनेटिक्स साइंस विभाग को ऐसे कृत्रिम डीएनए का विकास करने की संभावना तलाशने को कहा है जिससे इंसान की रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी ही रहे। यह डीएनए भाजपा सांसदों में प्रत्यारोपित करने की योजना है। हालांकि विभाग के प्रमुख ने साफ कर दिया है कि नेताओं के लिए ऐसा कृत्रिम डीएनए बनाना संभव ही नहीं है जो उन्हें पैर छूने से रोक सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा था कि कोई भी सांसद पार्टी के किसी भी नेता के पैर नहीं छुएं। वस्तुस्थिति से वाकिफ मोदी के निर्देश पर बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जेनेटिक्स साइंस विभाग के प्रमुख डाॅ समीर कुमार से मुलाकात की। हर्षवर्धन ने उनसे ऐसे डीएनए का विकास करने की गुजारिश की जो इंसान को झुकने न दे। सूत्रों के अनुसार मोदी जानते हैं कि राजनीति में झुके बगैर काम होता नहीं और कोई भी सांसद मौका पड़ने पर पैर छूने से बाज नहीं आएगा। ऐसे में क्यों न ऐसा डीएनए ही उनमें डाल दिया जाए जो उनकी पैर छूने की प्रवृत्ति को ही बदल दे।
नामुमकिन है ऐसे डीएनए का विकास: स्वास्थ्य मंत्री के इस आग्रह पर डाॅ समीर कुमार ने साफ कर दिया कि नेताओं के लिए इस तरह के कृत्रिम डीएनए का विकास बहुत ही मुश्किल काम होगा। अगर डीएनए बना भी लिया गया तो वह नेताओं में सफल हो पाएगा, कहना आसान नहीं है। नेताओं में झुकने और पैर छूने का अपना डीएनए इतना मजबूत होता है कि कृत्रिम डीएनए उसका स्थान शायद ही ले सके।

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