प्रयोग सफल रहा तो संसद की बहस भी सोशल मीडिया के माध्यम से हो सकेगी
जयजीत अकलेचा/ Jayjeet Aklecha
नई दिल्ली। सरकारी खर्चों में कटौती करने, कामकाज
में तेजी लाने और सरकार को पेशेवर बनाने के मकसद से केंद्र की मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठकें फेसबुक पर करने का निर्णय लिया है। इसके लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन कैबिनेट मंत्रियों को भी अपने फेसबुक अकाउंट
खुलवाने के निर्देश दिए हैं, जिनके अब तक ऐसे अकाउंट नहीं हैं। हालांिक विपक्ष ने
इसे केवल आईएसओ 9001 सर्टिफिकेट हासिल करने की सस्ती कवायद करार िदया है।
पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मोदी कैबिनेट के
कई मंत्री पहले से ही टिवटर और फेसबुक पर अपने फैसलांे की जानकारी देते आ रहे
हैं। एेसे में प्रधानमंत्री का मत था कि क्यों न कैबिनेट की बैठकें ही सोशल मीडिया
के माध्यम से कर ली जाएं। इसका एक फायदा तो यह होगा िक बैठकों में
आने-आने और नाश्ता-पानी पर होने वाला खर्च बचेगा। दूसरा कैबिनेट के फैसलांे के
बारे में तत्काल बैठे-बैठे ही आम जनता को अपडेट कर दिया जाएगा। इससे लोगों के बीच
संदेश जाएगा कि सरकार काम कर रही है।
संसदीय कार्यवाही
पर ही दोहराएंगे प्रयोग! : सूत्रों का कहना है कि अगर कैबिनेट की बैठकों को लेकर यह प्रयोग सफल
रहता है तो इसे आगे संसद में होने वाली कार्यवाही पर भी दोहराया जा सकता है। इसके लिए
सभी सांसद फेसबुक पर चैटिंग जैसे ऑप्शनों का इस्तेमाल कर बहस कर सकेंगे। इसके लिए
फेसबुक से भी विशेष प्रावधान करने का आग्रह किया जा सकता है। हालांकि कोई भी फैसला
लेने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाकर सर्वसम्मति ली जाएगी। माना जा रहा है िक
कांग्रेस से आपत्ति आ सकती है, क्योंकि राहुल गांधी खुद फेसबुक फ्रेंडली नहीं हैं।
केवल आईएसओ 9001
सर्टिफिकेट हासिल करना मकसद : विपक्ष
विपक्षों दलांे ने मोदी सरकार की इस पहल को केवल आईएसओ
9001 सर्टिफिकेट हासिल करने की सस्ती कवायद करार िदया है। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला
ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार तेज काम करने का नाटक करना चाहती है और इसका मकसद केवल आईएसओ 9001 सर्टिफिकेट हासिल करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इसका विरोध केवल इसलिए कर रही है क्योंकि राहुल गांधी फेसबुक फ्रेंडली नहीं हैं, राजीव ने इसका खंडन करते हुए कहा कि राहुलजी का अपना खुद का फेसबुक अकाउंट है। जैसे ही उन्हें फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट मिलेगी, वे उस पर एक्टिव हो जाएंगे।
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